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गांव की चिट्ठी

बीएचयू छात्रों का फूट पड़ा गुस्सा, एंबुलेंस चालक और दलालों की मिलीभगत का आरोप

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बीएचयू अस्पताल में निजी एंबुलेंस चालकों द्वारा कमीशन लेने के विरोध में छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। दोपहर में छात्रों ने सिंह द्वार बंद कर प्रदर्शन किया। इस दौरान सर सुंदरलाल अस्पताल प्रशासन पर एंबुलेंस कर्मियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उधर, सिंहद्वार बंद होने की सूचना पर बीएचयू प्रॉक्टोरियल बोर्ड के साथ ही भेलूपुर एसीपी प्रवीण कुमार, इंस्पेक्टर लंका फोर्स के साथ पहुंचे। छात्रों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया और एसीपी के आश्वासन पर छात्रों ने धरना समाप्त किया। छात्रों ने बताया कि बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी और उसके आसपास निजी एंबुलेंस चालकों के साथ कमीशनखोरों का जमावड़ा रहता है। जिसकी वजह से दूरदराज से आए गरीब मरीजों का ठीक इलाज नहीं मिल पाता।

अस्पताल प्रशासन से कई बार लिखित शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। दो से तीन बार आरोपियों को पकड़कर चीफ प्रॉक्टर के हवाले किया, लेकिन कार्रवाई के बजाय उन्हें छोड़ दिया गया। छात्रों ने बताया कि पिछले दिनों एक साथी अपने परिजन को अस्पताल में दिखाने पहुंचा। एक कमीशनखोर ने उसे पहचान लिया और उसके साथ मारपीट की। पुलिस भी साथी को लेकर लंका थाने चली गई।

छात्र अपने साथी को छुड़ाने और दलालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। उनका कहना था कि छात्र को थाने से छोड़ा जाए और उसके ऊपर लगी धाराओं को हटाया जाए।

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