नगर परिक्रमा
पिशाच मोचन के चर्चित मामलें में आया नया मोड़, न्यायालय ने निषेधाज्ञा किया आदेश पारित
वाराणसी। न्यायालय सिविल जज जुनियर डिवीजन शहर वाराणसी आकाश वर्मा ने प्रतिवादीगण को आदेशित किया है कि वे अग्रिम नियत तिथि तक वादपत्र के अन्त में नजरी-नकशा में प्रदर्शित जायदाद परिशिष्ट (क) द्वारा प्रदर्शित जायदाद मय चौहद्दी दावे में वर्णित, वादी के शांतिपूर्ण कब्जा दखल, उपयोग – उपभोग व वादी के मुख्य मार्ग आवागमन पर किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न न करें तथा वादी को बलात विधि विरूद्ध तरीके से बेदखल न करें और न जायदाद पर तोड़फोड़ न करने का आदेश दिया। न्यायालय में वादी रमेश राय की ओर से बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता विशाल सिंह ने जोरदार बहस की।
प्रकरण के मुताबिक बिहार बक्सर के पूर्व ब्लाक प्रमुख रमेश राय उर्फ मटरु राय ने पिचास मोचन में एक जायजाद खरीद किया था। जिसमें विपक्षी पंकज राय अन्य पुष्टि करता के तौर पर बैनामा बिलेख में पुष्टि करके बैनामा रमेश राय के हक में किया। परंतु मुकेश शाहू व अन्य बैनामा शुदा जायजाद पर जो रमेश राय के कब्जे में है। उसपर विपक्षीगण बेवधान उत्पन्न करने लगा और फौजदारी का भी मुकदमा चला तथा वादी का भाई बनारस कचहरी में अधिवक्ता है और सिविल जज जुनियर डिवीजन वाराणसी में मुकदमा संख्या 206/2021 मुकदमा वादी की तरफ से बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता विशाल सिंह ने निषेधाज्ञा का वाद दाखिल किया। जिसमें न्यायालय ने प्रथम दृष्टया केस साबित होने पर आदेश पारित किया कि मकान नंबर 21/28-1-R-1 संपूर्ण रकबा 3690 वर्ग फीट यानी 342.93 वर्ग मी0 स्थित मी0 पिचास मोचन वार्ड चेतगंज शहर वाराणसी के सम्बंध में प्रतिवादीगण को निषेधित किया कि वे वाद पत्र के अन्त में नजरी नक्शा द्वारा प्रदर्शित जायजाद मय चौहद्दी दावा में वर्णित है। वादी के शांती पूर्ण कब्जा दखल व उपयोग उपभोग व वादी के मुख्य मार्ग आवागमन पर किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न न करें तथा वादी को बलात विधि विरूद्ध तरीके से बेदखल न करें। ऐसा आदेश 24 सितम्बर 2021 को पारित हुआ है। उक्त आदेश अभी भी प्रभावित चला आ रहा है।
पूर्व में इसी जायजाद पर विवाद होने के चलते इंस्पेक्टर चेतगंज व दो दरोगा लाईन हजीर हो चुके हैं।