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प्रधान सहायक 50 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

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कब्रिस्तान घेराबंदी के लिए मांगी गई थी रिश्वत

लोहरदगा। समेकित ग्रामीण विकास अभिकरण (DRDA) में पदस्थापित प्रधान सहायक राजेंद्र उरांव को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया।

कब्रिस्तान घेराबंदी के लिए मांगी गई थी रिश्वत
किस्को थाना क्षेत्र के चरहु गांव निवासी इमरान खान ने एसीबी को लिखित शिकायत देकर बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजना के तहत उन्हें मुस्लिम कब्रिस्तान की घेराबंदी का कार्य मिला था, जिसकी कुल लागत 24.98 लाख रुपये थी। इस परियोजना का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, और अब तक 8.95 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

इमरान खान का आरोप है कि शेष राशि जारी करने के बदले प्रधान सहायक राजेंद्र उरांव ने 70 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। बाद में 50 हजार रुपये देने पर सहमति बनी। राजेंद्र उरांव ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि रिश्वत नहीं दी गई, तो फाइनल बिल पास नहीं होगा।

एसीबी ने जाल बिछाकर की गिरफ्तारी
इमरान खान ने रिश्वत देने के बजाय एसीबी से संपर्क किया। शिकायत की जांच और सत्यापन के बाद एसीबी ने योजना बनाई। इमरान को 50 हजार रुपये लेकर प्रधान सहायक को देने के लिए कहा गया। जैसे ही इमरान ने पैसे दिए, एसीबी की टीम ने मौके पर पहुंचकर राजेंद्र उरांव को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम राजेंद्र उरांव को रांची ले गई। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

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एसीबी की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान की एक और कड़ी है। आम जनता को जागरूक करते हुए एसीबी ने कहा कि किसी भी प्रकार की रिश्वतखोरी की सूचना तुरंत ब्यूरो को दी जाए।

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