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अयोध्या में तीन मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा, तीन अभी बाकी
अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में परकोटे के भीतर छह मंदिरों का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहली बार इन मंदिरों की तस्वीरें साझा की हैं। परकोटे में शिव, सूर्य, दुर्गा, गणेश, अन्नपूर्णा और हनुमान मंदिर बनाए जा रहे हैं। इनमें से तीन मंदिर लगभग पूर्ण हो चुके हैं, जबकि शेष तीन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मुख्य मंदिर के शिखर की अब तक 10 लेयर तैयार की जा चुकी हैं। कुल 29 लेयर बनाए जाने हैं, जिनमें से 19 लेयर का निर्माण कार्य अभी बाकी है।
राम मंदिर के परकोटे के निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए 4 लाख घन फीट पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है। मुख्य शिखर की कुल 29 लेयर में से 10 लेयर का निर्माण पूरा हो चुका हैं। शेष 19 लेयर अगले 4-5 महीनों में तैयार होने की उम्मीद है। शिखर पर लगने वाली प्रत्येक परत की शिलाओं का आकार ऊपर की ओर घटता हुआ डिज़ाइन किया गया है।ट्रस्ट का कहना है कि 800 मीटर लंबे और 14 फीट ऊंचे परकोटे का निर्माण कार्य अगस्त 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसे राम मंदिर के भीतर परिक्रमा पथ के रूप में उपयोग किया जाएगा।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 से लेकर अब तक लगभग 3 करोड़ से अधिक भक्त श्रीराम के दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। सामान्य दिनों में इस संख्या में 70 हजार से एक लाख तक लोग होते हैं जबकि खास मेलों या पर्वों के दौरान यह संख्या एक से दो लाख तक पहुंच जाती है।परकोटे के बाहर सप्त ऋषियों के सात मंदिरों का निर्माण भी चल रहा है, जिनमें वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, शबरी, निषादराज और अहिल्या के मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा, तुलसीदास का मंदिर भी बनाने का प्रस्ताव है।