वाराणसी
वादी के निधन के बाद पुत्रों को पक्षकार बनाने की अर्जी खारिज

लॉर्ड विशेश्वर मामला
वाराणसी की विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम) मनोज कुमार सिंह-II की कोर्ट ने 1991 के लॉर्ड विश्वेश्वर केस में वादी हरिहर पांडेय के निधन के बाद उनके बेटों को पक्षकार बनाने की निगरानी अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि इसमें कोई वैधानिक या तात्विक त्रुटि नहीं पाई गई है।
निचली अदालत ने अपने क्षेत्राधिकार का विधि सम्मत उपयोग करते हुए आदेश पारित किया था। इस मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिविजन (फास्ट ट्रैक) युगल शंभू की कोर्ट में हुई।
वादी सोमनाथ व्यास के निधन के बाद उनके भतीजे योगेंद्र नाथ व्यास द्वारा मुकदमे में पक्षकार बनने की अर्जी पर बहस पूरी की गई।
अब वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से बहस जारी है जिसके लिए अगली सुनवाई की तारीख 3 दिसंबर तय की गई है।
28 फरवरी 2024 को पारित आदेश को अदालत ने पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजों और विधिक प्रावधानों के आधार पर सही ठहराया। इसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं पाई गई इसलिए प्रणय कुमार पांडेय और अन्य द्वारा दाखिल निगरानी अर्जी को खारिज कर दिया गया।