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वाराणसी

जिला अस्पताल में डॉक्टर और वार्ड बॉय से मारपीट करने वाले आरोपी की हुई पहचान

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वाराणसी के जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में 6 नवंबर को हुई मारपीट की घटना में एक आरोपी की पहचान हो चुकी है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. परवेज अहमद और उनके सहयोगी प्रदीप पर हमला किया गया था।

6 नवंबर को महिला मरीज को लेकर पहुंचे थे परिजन
6 नवंबर को दोपहर 3 बजे एक महिला मरीज को कुछ लोग लेकर ट्रामा सेंटर पहुंचे। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. परवेज अहमद और उनके सहयोगी प्रदीप उस समय ड्यूटी पर थे। मरीज का ब्लड प्रेशर चेक किया गया, जो कि 200/100 पाया गया। स्थिति देखते हुए डॉक्टर ने तुरंत लेसेक्स इंजेक्शन देने का निर्देश दिया, जिससे महिला को थोड़ी राहत मिली।

महिला की हालत बिगड़ने के बाद परिजन हुए आक्रोशित

जांच के बाद महिला को वॉशरूम जाने की जरूरत महसूस हुई। लौटने पर उसकी हालत और बिगड़ गई और सांस फूलने लगी। डॉ. परवेज और उनकी टीम ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि उसे जहर का इंजेक्शन दिया गया है। इस बात पर बहस बढ़ गई और दो युवक आकर डॉक्टर और उनके सहयोगी प्रदीप पर हमला करने लगे। मौके पर मौजूद कुछ अन्य मरीजों के अटेंडेंट्स ने बीच-बचाव किया।

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डॉ. परवेज ने बताया कि हमलावरों में से एक की पहचान खजुरी के निवासी चांद बाबू के रूप में हुई है, जो एम्बुलेंस चालक है। इस घटना की शिकायत दर्ज कराने के लिए अस्पताल के एसआईसी से बात की गई, लेकिन कोई FIR दर्ज नहीं की गई। अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों ने डॉक्टर से व्यक्तिगत रूप से FIR दर्ज कराने को कहा, जबकि सरकारी निर्देश के अनुसार, ऐसी घटनाओं में अस्पताल की तरफ से FIR दर्ज करानी होती है।

50 मीटर की दूरी पर है पुलिस चौकी, फिर भी नहीं मिली मदद

अस्पताल के ट्रामा सेंटर से मात्र 50 मीटर की दूरी पर स्थित पुलिस चौकी पर उस समय मौजूद पुलिसकर्मी ने यह कहकर मदद करने से मना कर दिया कि वह ड्यूटी पर नहीं है। जब पुलिस चौकी से कोई सिपाही आया, तब तक हमलावर भाग चुके थे।

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