वाराणसी
शादी और इवेंट में अब नहीं होगी गंगा आरती

वाराणसी। शादी-विवाह और किसी भी इवेंट में अब मां गंगा की आरती नहीं होगी। गंगा सेवा निधि और अन्य गंगा आरती समितियों की बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया कि मां गंगा की आरती का आयोजन केवल धार्मिक उद्देश्य के लिए होगा, न कि मनोरंजन या निजी कार्यक्रमों के लिए। इस निर्णय के तहत गंगा आरती को इवेंट का हिस्सा बनाना धार्मिक अपराध माना जाएगा और इसे रोकने के लिए सरकार और धर्मार्थ मंत्रालय को पत्र भेजा जाएगा।
रविवार की शाम गंगा सेवा निधि के प्रांगण में देव दीपावली एवं गंगा आरती समितियों की बैठक में पांच महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक में यह भी तय किया गया कि गंगा आरती के नाम पर होने वाली ठगी पर तुरंत रोक लगाई जाए। कई लोग दीपक जलाकर थाली में धन एकत्रित कर रहे हैं, जिसे प्रशासन से बंद कराने की मांग की गई।
बैठक में एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास हुआ, जिसमें देव दीपावली से पहले सभी घाटों, कुंडों और तालाबों की सफाई कराने का अनुरोध किया गया। इसके अलावा, पक्के और स्नान घाटों से क्षतिग्रस्त नावों को हटाने की मांग भी रखी गई।
इस बैठक में गंगा आरती समिति के वागीश शास्त्री, सुशांत मिश्र और रामयश मिश्र सहित कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।