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पूर्वांचल

कथा रूपी अमृत से जीवन बनता है दिव्य : संतदास

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चंदौली (चहनियां) : मारूफपुर स्थित बाबा कीनाराम वैष्णव मठ रामशाला परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन मंगलवार को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि जीवन में अच्छे रास्ते पर जाना है तो संकल्प लेना जरूरी है। हर बच्चे को अपने माता-पिता की बातों को मानना चाहिए और सबसे बड़ा भगवान माता-पिता ही होता है। जिनके ऊपर माता-पिता का आशीर्वाद है उन्हें संसार में सब कुछ प्राप्त है साथ-साथ हर एक माता-पिता को चाहिए कि अपने साथ अपने पाल्य पुत्र पुत्रियों बहुओं पौत्र आदि पर समान रूपसे स्नेह बरसाये।

उन्होंने श्रीमदभागवत कथा महिमा बताते हुए कहा कि जब शुकदेव जी राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाने के लिये बैठे तो बैकुंठ से देवता अमृत कलश लेकर आये और शुकदेव जी से आग्रह किया कि राजा परीक्षित को अमृत पिलाकर उनका जीवन दीर्घ बना दें लेकिन भागवत कथा ना सुनाये। जिसपर भगवान शिव ने कहा कि ऐ देवताओं आपके अमृत से जीवन दीर्घ तो हो सकता है लेकिन श्रीमदभागवत रूपी कथा से जीवन दिव्य बनता है। इस दौरान उन्होंने श्री कृष्ण जन्म की कथा व सोहर सुनाकर लोगों मन्त्रमुग्ध कर दिया।

इस दौरान मुख्य रूप से सूबेदार मिश्रा, राममूर्ति पाण्डेय, संतोष पाण्डेय, बेचन दुबे, सीताराम यादव, कल्पनाथ प्रजापति, हरिओम दुबे, विकास ओझा, सारनाथ यादव सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित रहे।

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