वाराणसी
सुख शान्ति चाहते हो तो अहंकार को छोड़ दो-ये विनाश का कारण है – प्रोः अशोक जैन
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
पर्युषण महापर्व का द्वितीय दिवस-“उत्तम मार्दव धर्म “
वाराणसी। जैन धर्म का पर्वाधिराज पर्युषण पर्व क्या है-संसार के सभी जीवों में मनुष्य सर्वश्रेष्ठ जीव है। उसे अपनी श्रेष्टता बनाये रखने के लिए यह पर्व तोहफे के रूप में मिला है।
भादो मास में दुनियाभर के जैन लोग इन दिनो अपनी इन्द्रियों को संयमित रखते है। विशेष रूप से समस्त सांसारिक मोह माया क्रियाए छोड़कर त्याग-तपस्या, आत्मभावना, धर्म ग्रंथो का अध्यन और सभी प्राणियो की सुख शान्ति की कामना करते है।
क्षमा, मृदुता, सरलता, निरलोभता, सत्य, संयम, तप, त्याग और ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए अपने मन आत्मा को पवित्र निर्मल करते है, जिससे तन मन स्वस्थ रहे।
पर्व के दूसरे दिन बुधवार को प्रातः से श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म कल्याणक भूमि तीर्थं क्षेत्र भेलूपुर में प्रोः अशोक जैन के निर्देशन में क्षमावाणी विधान किया जा रहा है जिसमें काफी भक्त भाग ले रहे है।
प्रातः तीर्थंकर पार्श्वनाथ का प्रक्षाल पूजन किया गया।
नगर के अन्य जैन मन्दिरो में भी सुबह से ही श्रदालु भक्तो द्वारा पूजन पाठ- अभिषेक व अन्य धार्मिक आयोजन किये जा रहे है।
ग्वाल दास साहू लेन स्थित जैन मन्दिर मे सायं -पर्व के दूसरे अध्याय ” उत्तम मार्दव धर्म ” पर व्याख्यान करते हुए पं सुरेंद्र शास्त्री ने कंहा-मार्दव धर्म हमें अपने मन मे, कुल जाति, धन आदि का अभिमान/घमंड दूर करना सिखाता है। घमंडी व्यक्ति का कही सम्मान नही होता-सदाचारी बनना है तो अभिमान का त्याग करना होगा ।
भगवान पार्श्वनाथ जन्म स्थली भेलूपुर में प्रवचन करते हुए प्रो: फूल चन्द्र जैन प्रेमी जी ने कहां- उत्तम मार्दव धर्म अपनाने से मान व अंहकार का मर्दन हो जाता है और व्यक्ति सच्ची विनयशीलता को प्राप्त करता है। सुख शान्ति चाहते हो तो अहंकार का त्याग करो ये विनाश का कारण है।
खोजंवा स्थित जैन मंदिर में प्रवचन करते हुए डा: मुन्नी पुष्पा जैन ने कंहा- अभिमान स्वाभिमान को नष्ट कर देता है, अर्थात जिस पर तू इतना इठलाता है कल वह भी नष्ट होना है इसलिए जो प्राप्त है उसका सदुपयोग करके अपने स्वाभिमान की रक्षा करो।
सायंकाल मंदिरो में भजन, जिनवाणी पूजन, भगवान पार्श्वनाथ, क्षेत्रपाल बाबा, देवी पद्मावती मां की सामूहिक आरती की गई।
आयोजन मे प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, प्रधान मन्त्री अरूण जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, विनय जैन, विनोद जैन, सुधीर पोद्दार, तरूण जैन, राजकुमार बागडा एवं महिला मंडल की काफी महिलाए उपस्थित थी।
