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वाराणसी

विश्व आत्महत्या निवारण दिवस पर ‘सपनों के भंवर में हमारा भविष्य’ विषय पर दो दिवसीय वेब संगोष्ठी का आयोजन

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

सपनों के भंवर में हमारा भविष्य

वाराणसी: श्री अग्रसेन कन्या पी .जी. कॉलेज, वाराणसी में 9 और 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या निवारण दिवस के अवसर पर’ सपनों के भंवर में हमारा भविष्य’ विषय पर दो दिवसीय वेब संगोष्ठी का आयोजन मनोविज्ञान विभाग द्वारा किया गया। संगोष्ठी में अभ्यागतों का स्वागत करते हुए प्रबंधक डॉ मधु अग्रवाल ने कहा की आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि अपनी समस्याओं के लिए व्यक्ति को दृढ़ संकल्पित होकर पूरे मनोयोग से कार्य करना चाहिए। विषय प्रवर्तन संयोजिका प्रो. संध्या ओझा ने किया और कहा की युवा वर्ग को दबाव मुक्त अपनी स्वेच्छा और अभिरुचि के अनुसार कार्य करने की स्वतंत्रता होगी तो वह निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करेगा। वक्ता प्रोफेसर मृणाल भारद्वाज अध्यक्ष एवं डीन महात्मा गांधी विद्या मंदिर ,नासिक ने अपने वक्तव्य में कहा कि आत्महत्या को रोकने के लिए स्कूल स्तर पर बच्चों में भावात्मक बुद्धि के विकास पर बल दिया जाए। बचपन में ही बच्चों में आत्मबल को विकसित किया जाए, जिससे वे हर तनावपूर्ण परिस्थितियों से अपने आप को समायोजित कर सके। वक्ता प्रोफेसर सरस्वती सिंह (सेवानिवृत्त) मनोविज्ञान विभाग ,गढ़वाल विश्वविद्यालय ने कहा कि आत्महत्या भारत की ही नहीं अपितु यह वैश्विक समस्या है। युवा वर्ग ही नहीं बल्कि प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति इस मनोवैज्ञानिक समस्या से ग्रसित हैं। युवाओं मे आत्मविश्वास बढ़ाकर निराशा व तनाव को दूर करना होगा ,जिससे वे चुनौतियों का सामना कर सके इसके लिए माता-पिता व शिक्षक को सहयोगात्मक व्यवहार करना चाहिए। वक्ता डॉ तोषेन्द्र द्विवेदी, स्कूल ऑफ साइंस जैन यूनिवर्सिटी बेंगलुरू, ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज के युवा वर्ग को हर एक समस्या को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए। वक्ता प्रोफेसर विकास मिनचेकर ,अध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग, जयसिंहपुर महाराष्ट्र, ने भारतीय ज्ञान परंपरा की विशेषता बताते हुए कहा कि व्यक्ति योगाभ्यास , ध्यान एवं संतुलित दिनचर्या द्वारा स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। अष्टांग योग इसमें सहायक है । मनोविज्ञान विभाग की प्रभारी अध्यक्ष एवं संगोष्ठी की आयोजक प्रो आभा सक्सेना ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में इस दो दिवसीय संगोष्ठी के सभी मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम का संचालन डॉ आराधना श्रीवास्तव ने और धन्यवाद ज्ञापन प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ‘रूद्रा’ने किया। इस अवसर पर डॉ कुमुद सिंह ,डॉ सोनम चौधरी ,डॉ सुमन सिंह, डॉ सुधा यादव,डॉ श्रृंखला, डॉ साधना यादव, दुर्गा गौतम, शोभा प्रजापति, डॉ मंजरी श्रीवास्तव, डॉ शशिबाला, डॉ विनीता पांडे तथा देश विदेश के अनेक शिक्षक वर्चुअल माध्यम द्वारा इस संगोष्ठी में सम्मिलित हुए।

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