वाराणसी
ऑनलाइन से खुदरा एवं असंगठित क्षेत्र के व्यापार से व्यापक नुकसान एवं जीएसटी (2017-18) नोटिस का विरोध करते हुए व्यापारियों ने कसी कमर
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी: लक्सा स्थित मारवाड़ी युवक संघ में महानगर उद्योग व्यापार समिति के एक बैठक आहूत हुई बैठक में ऑनलाइन व्यापार से व्यापारियों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है जोकि व्यापारियों पर एक बड़ा वर्ग पूरे भारत में टैक्स देता है इसके बावजूद व्यापारियों पर सरकार के द्वारा ऑनलाइन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है , प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने अपने भाषणों में वोकल फार लोकल को प्रमोट करने की बात करते हैं लेकिन एक तरफ वह छोटे व्यापारियों को खत्म करने के लिए ऑनलाइन व्यापार का सपोर्ट करते हैं
व्यापारियों ने एक स्वर में कहा कि ऑनलाइन व्यापार तेजी से मजबूत हो रहा है, तो इसी के साथ छोटे-मझोले दुकानदारों पर उनकी रोजी-रोटी छिनने का खतरा भी मंडराने लगा है। ऑनलाइन बाजार में अलग-अलग क्षेत्रों में 50 से 70 फीसदी प्रतिवर्ष तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इससे खुदरा और असंगठित क्षेत्र में करोड़ों लोगों की नौकरियों पर खतरा पैदा हो गया है। त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही ऑनलाइन कंपनियां नये लोगों की भर्ती कर मांग पूरी करने की कोशिश कर रही हैं, तो खुदरा व्यापारी दुकानों में अभी भी ग्राहकों का इंतजार कर रहा है। ऐसे हालात के बीच व्यापारी सरकार से लगातार विरोध दर्ज करा रहा है किंतु सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है ।
निकट भविष्य में वर्ष 2024 में लोकसभा एवं 2023 में कई प्रदेश के विधान सभा का चुनाव भी होना है , देश के अनुमानित 10करोड़ व्यापारी एवं उन पर आश्रित परिवार, कर्मचारी एवं संलग्न ट्रांसपोर्टर्स कुल लगभग 40 करोड़ लोग यदि एक साथ संगठित होकर सरकार के समक्ष अपनी बुलंद आवाज़ में अहसास दिलाने की ज़रूरत है , यदि संगठित होकर किसान अपनी माँगे पूरी करा सकते है तो हम क्यों नहीं , क्योकि सरकार को हमारी संख्या केवल 10 करोड़ ही मानती है जबकि वास्तव में कम से कम 40 करोड़ लोग इसमें संलग्न है ।
जीएसटी जब से लागू किया गया , ईमानदार करदाता लगातार अपने दायित्व का भुगतान कर रहा है तथा सरकार कि जीएसटी की आय माह दर माह बढ़ भी रही है। जीएसटी कौंसिल द्वारा कई संसधनों के बाद भी ईमानदार करदाता पर वर्ष 2017-18 की नोटिस जारी कर रही है जबकी ईमानदार करदाता पर कार्रवाई करने की बजाएं छूटे हुए करदाताओं को खोज कर कर के दायरे में लाना चाहिए।
बैठक में प्रमुख रूप से संरक्षक श्रीनारायण खेमका, अध्यक्ष प्रेम मिश्रा, महामंत्री अशोक जायसवाल ,घनश्याम जायसवाल ,अनुज डीडवानिया, सोमनाथ विश्वकर्मा, गोकुल शर्मा, रजनीश कनौजिया, पंकज अग्रवाल, राहुल मेहता,डां अंजनी मिश्रा, मनोज जायसवाल ,संजय साहू, कृष्ण शरण अग्रवाल, राम भजन अग्रहरि, प्रदीप जोशी, अजय जायसवाल बबलू ,राजन जायसवाल , भीम सिंह, कौशल तिवारी ,युवा अध्यक्ष मनीष चौबे ,सुजीत गुप्ता विकास यादव आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित थे
