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वाराणसी

सावन के चौथे सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ का होगा भागीरथी श्रृंगार

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

  • सावन के हर सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ का होता है अलग-अलग रूपों में श्रृंगार
  • काशी में सावन के चौथे सोमवार को भी उमड़ेंगे लाखों श्रद्धालु
  • हर सोमवार को 5 से 6 लाख भक्त टेक रहे बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था
  • शिवभक्तों की सुविधाओं का योगी सरकार रख रही पूरा ध्यान, इसलिए दर्ज हो रही श्रद्धालुओं के आमद में रिकॉर्ड वृद्धि

वाराणसी। उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर विराजमान गंगाधर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का सावन के चौथे सोमवार को भागीरथी श्रृंगार होगा। शिवभक्त बाबा के भागीरथी स्वरूप के दर्शन करेंगे। भूतभावन का श्रावण माह के हर सोमवार को अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जा रहा है। सावन का महीना दो माह का होने के कारण श्रद्धालुओं को इस साल आठ सोमवार जलाभिषेक करने के लिए मिल रहे हैं। वहीं भगवान शिव के आठ स्वरूपों के दर्शन भी होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर धाम में भक्तों की हर सुविधा और सुगमता के साथ दर्शन कराने की व्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं का सैलाब बाबा दरबार में उमड़ रहा है।

धर्म की नगरी काशी महादेव के भक्तों को हमेशा से आकर्षित करती रही है। इस साल श्रावण माह में बाबा की कृपा भक्तों पर अधिक समय तक बरसेगी। अधिमास होने के कारण बाबा विश्वनाथ का आठ सोमवार पर आठ स्वरूपों में श्रृंगार किया जा रहा है। सावन में श्री विश्वेश्वर का श्रृंगार अलग-अलग स्वरूपों में हो रहा है। भगवान विश्वेश्वर का चौथे सोमवार को गंगाधर भागीरथी श्रृंगार होगा। बता दें कि पहले सोमवार यानी 10 जुलाई को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा का श्रृंगार हुआ था। वहीं दूसरे सोमवार 17 जुलाई को गौरी शंकर स्वरूप में, जबकि तीसरे सोमवार 24 जुलाई को अमृत वर्षा श्रृंगार हुआ था।

श्रावण मास में काशी कांवरियों के केसरिया रंग में रंग गई है। आदि विश्वेश्वर महादेव की काशी हर हर महादेव के जयघोष से गूंज रही है। बाबा के दरबार में सावन के हर सोमवार को भक्तों की रिकॉर्ड संख्या औसतन 5 से 6 लाख पहुंच रही है। जबकि प्रतिदिन औसतन 1.5 लाख श्रद्धालु महादेव के दर्शन कर रहे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर का दायरा पहले लगभग 3000 वर्ग फुट तक ही सीमित था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्री काशी विश्वनाथ धाम लगभग 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में विस्तारित हो गया है।

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