वाराणसी
हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मॉडल का किया उद्घाटन, बीजेपी शासित प्रदेशों में शुरू होगा जनजागृति
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी। रविवार को वाराणसी के सांस्कृतिक संकुल सभागार में ज्ञानवापी और मां श्रृंगार गौरी केस से जुड़े हुए हिंदू पक्ष के अधिवक्ता, वादिनी और पक्षकारों ने राष्ट्रीय संगोष्ठी एवम मॉडल अनावरण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन में ज्ञानवापी (आदि विशेश्वर ) के मॉडल का उद्घाटन किया गया, तो वही संकुल में ज्ञानवापी से जुड़े हुए फोटोग्राफ की गैलरी भी लोगो के लिए लगाया गया। इस उद्घाटन समारोह में बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी और दिल्ली के बीजेपी नेता कपिल मिश्रा शामिल हुए।
उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे दिल्ली बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि विश्वास के आधार पर ज्ञानवापी मॉडल को तैयार किया गया है और उसे सच तक ले जाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है। मनोज तिवारी ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि ज्ञानवापी का सच देश के सामने आए। वही मनोज तिवारी ने ज्ञानवापी में ASI सर्वे को लेकर कहा कि जो लोग भी इस सर्वे को रोकना चाहते हैं, ऐसे में वह साबित कर रहे हैं कि सच क्या है। जो लोग ज्ञानवापी को लेकर साजिश कर रहे हैं, वह चारों तरफ से अब गर चुके हैं। कानूनी पूरी तरह से सही दिशा में ज्ञानवापी को लेकर अपना काम कर रही है।
वही ज्ञानवापी ( आदि विशेश्वर) मॉडल के उद्घाटन में शामिल होने के पश्चात मीडिया से बात करते हुए दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि जो मॉडल आज सामने आया है, वह दर्शाता है कि किस प्रकार से मुगलों ने हमारे ऊपर अत्याचार किया था। वही एएसआई सर्वे को लेकर कपिल मिश्रा ने कहा कि ASI सर्वे होना चाहिए, जिससे सभी के सामने सच सामने आए। एएसआई सर्वे को लोगो के द्वारा धार्मिक चश्मे से देखने के बजाए उसे वैज्ञानिक चश्मे से देखना चाहिए। वही उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में किसी को भी वोट बैंक की राजनीति नही करनी चाहिए।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी में। ASI सर्वे को लेकर 3 अगस्त को हाई कोर्ट से फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है। वही उससे पहले हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी का एक मॉडल का उद्घाटन किया है, जिसे लेकर दवा है कि मस्जिद से पहले वहां ऐसा ही मंदिर था, जिसे तोड़कर औरंगजेब ने मस्जिद मनवाया था। इस मॉडल को बनाने वाले हिंदू पक्ष के लोग अब अयोध्या के तर्ज पर जनजागृति करेंगे और बीजेपी शासित प्रदेशों में मंदिर के मॉडल और फोटोग्राफ को ले जाया जाएगा।
