वाराणसी
सामान्य बुखार व बीमारी में भी माँ शिशु को करा सकती हैं स्तनपान
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
स्तनपान कराते समय बरतें सावधानी, गंभीर समस्या होने पर डॉक्टर से लें सलाह
माँ के दूध में ही पौष्टिक तत्वों के साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
वाराणसी: शिशु को स्तनपान कराना मां और शिशु दोनों के लिए बहुत ही जरूरी है। यदि स्तनपान के दौरान मां बुखार, सर्दी-जुकाम, दस्त, खांसी, उल्टी आदि से ग्रसित है, तो ऐसी स्थिती में क्या वह शिशु को स्तनपान करवा सकती हैं, यह एक बड़ा प्रश्न है। इसे लेकर अक्सर लोगों की यही धारणा होती हैं कि स्तनपान कराने से मां की बीमारी शिशु में भी फैल सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है। वह सामान्य बीमारी में भी शिशु को स्तनपान करा सकती हैं। हालांकि स्तनपान कराने पर माँ को एहतियात बरतने की आवश्यकता है। यह कहना है एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय की वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ मृदुला मल्लिक का।
डॉ मृदुला बताती हैं कि मां के दूध में लैक्टोफेरिन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जिनकी पूर्ति किसी दूसरे आहार से नहीं की जा सकती है। लैक्टोफेरिन एक प्रोटीन होता है, जो मां के दूध में प्राकृतिक रूप से शामिल होता है। इसमें कोलेस्ट्रम सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह बच्चे के शरीर में आयरन के विकास में मददगार होता है। इसके साथ ही उसके शरीर को रोगाणु से भी बचाए रखता है। यदि मां को बहुत लंबे समय से सर्दी-जुखाम या फ्लू की समस्या हो रही है, तो ऐसी बीमारी में शिशु को स्तनपान कराने से पहले मां को अपने डॉक्टर से परामर्श करना अनिवार्य होता है।
माँ के दूध में पौष्टिक तत्वों के साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध – डॉ मृदुला बताती हैं कि शिशुओं को केवल स्तनपान कराने में, माँ के दूध के साथ-साथ पानी पिलाना, प्रमुख बाधाओं में से एक है। यह व्यवहार गर्मियों में बढ़ जाता है। मां के दूध में अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है और शिशु की पानी की आवश्यकता केवल स्तनपान से पूरी हो जाती है। शिशु को छह माह तक ऊपर से पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है। ऊपर से पानी देने से शिशु में संक्रमण की सम्भावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि शिशु के जन्म के पहले घंटे के अंदर गाढ़ा पीला दूध (कोलेस्ट्रम) और छह माह तक सिर्फ स्तनपान के बारे परामर्श देना चाहिए।
बीमार होने पर भी कराएं स्तनपान – डॉ मृदुला ने कहा कि बुखार या बीमार होने पर स्तनपान कराना बंद करना सही नहीं है, जब तक कि डॉक्टर ने ऐसा करने के लिए न कहा हो। यदि आपको बुखार, किसी बीमारी या संक्रमण के लक्षण हैं, तो एहतियाती के साथ शिशु को स्तनपान कराएं जैसे-
• बार-बार अपने हाथ साबुन और गर्म पानी से धोएं या फिर विसंक्रमण जेल (सेनिटाइज़र) का इस्तेमाल करें।
• छींकते या खांसते हुए अपना मुंह और नाक टिशू से ढकें।
• इस्तेमाल किए हुए टिशू सीधे कूड़ेदान में डालें और गंदे रुमाल धोने के लिए डालें।
• बीमार होने पर शिशु के चेहरे पर चुंबन न करें। ठीक होने के बाद इसके लिए पर्याप्त समय होगा।
• बुखार या बीमार हों तो अधिक से अधिक पानी पीएं और पौष्टिक भोजन खाएं। इससे दूध की आपूर्ति बनी रहेगी और साथ ही शरीर को बीमारी से उबरने में मदद मिलेगी।
• जितना हो सके उतना आराम करें।
बता दें कि एक मई से 30 जून तक जिले में ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान’ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती और धात्री महिलाओं को परामर्श दिया जा रहा है।
