वाराणसी
तूल पकड़ता जा रहा संस्कृत विवि भर्ती परीक्षा में अनिमितता का मामला
रिपोर्ट – मनोकामना सिंह
वाराणसी| संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में सहायक अध्यापक और सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष की भर्ती परीक्षा में अनियमितता का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अभ्यर्थी जितने विरोध में नहीं उससे ज्यादा मुखर अध्यापक परिषद है। परिषद की ओर से परीक्षा के तत्काल बाद ही राजभवन को अनियमितता संबंधी पत्र भेजा था। उसके बाद ही कुलपति को तलब किया गया था। कुलपति पिछले हफ्ते ही भर्ती परीक्षा और नतीजों की घोषणा के बाद सभी दस्तावेजों संग राजभवन गए भी। वहां से लौटने के बाद अध्यापक परिषद संग बैठक भी की। फिर नतीजे रद कर दिए। लेकिन विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा, जबकि कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी लगातार पूरी भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता की बात भी कह रहे हैं।
अध्यापक परिषद ने राजभवन को भेजा रिमाइंडर
भर्ती परीक्षा में अनियमितता को लेकर अध्यापक परिषद ने दोबारा राजभवन को पत्र भेजा है। उन्होंने राजभवन आने की अनुमति भी मांगी है। इसके लिए तिथि तय करने की मांग की है। बता दें कि अध्यापक परिषद भर्ती परीक्षा के बाद से ही हमलावर रुख अख्तियार किए है।
अध्यापक परिषद ने गिनाई हैं ये अनियमितताएं
अध्यापक परिषद कई अनियमितताओं का उल्लेख कर रहा है। इसमें प्रमुख अनियमितताएं इस प्रकार हैं…
- विज्ञानपन से शुरूआती परीक्षा में पूर्णकालिक कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक की बजाय प्रभारी कुलसचिव से काम कराना
-परीक्षा से तीन दिन पहले परीक्षा नियंत्रक को प्रक्रिया में शामिल करना
-उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन
-स्क्रूटनी कमेटी का गठन न किया जाना
-वाह्य विशेषज्ञों से पेपर सेटिंग भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी- कुलपति
वहीं कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी का कहना है कि भर्ती परीक्षा में शासनादेश के तहत पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई। शासन के आदेश के तहत ही 24 घंटे में परीक्षा परिणाम पोर्टल पर अपलोड किया गया।
विशेष सचिव उच्च शिक्षा का आगमन
जानकारी के मुताबकि विश्वविद्यालय की भर्ती परीक्षा की अनियमितता से संबंधित आरोपों की जांच के लिए विशेष सचिव उच्च शिक्षा 10-11 जून को विश्वविद्यालय पहुंच कर पड़ताल करने वाले हैं।