गोरखपुर
रूदपुर खजनी में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ
काशी के व्यास राघवेंद्र महाराज के प्रवचन से भावविभोर हुए श्रद्धालु
गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के ग्राम रूदपुर में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। सोमवार को कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ, जिसमें सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में कलश लेकर भक्ति संगीत के साथ पूरे गांव में निकलीं। वातावरण “जय श्री राधे-कृष्ण” और “हरि बोल” के जयघोष से गूंज उठा।
कथा का वाचन काशी से पधारे सुप्रसिद्ध व्यासपीठ आचार्य श्री राघवेंद्र पाण्डेय जी महाराज के मुखारविंद से किया जा रहा है। उनके ज्ञानमय एवं संगीतमय प्रवचन से श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। व्यासपीठ से महाराज ने कहा कि “वेदों में हिंसा शब्द का कोई स्थान नहीं है। हमारे धर्म में बलि का अर्थ किसी जीव की हत्या नहीं, बल्कि अपने अहंकार और बुरे संस्कारों का त्याग है।” उन्होंने कहा कि सच्चा यज्ञ वही है जिसमें मनुष्य अपने भीतर की बुराइयों को समर्पित करता है। “जरा” (शब्द) नामक काल प्रत्येक दिन मिटाती है ।
श्री राघवेंद्र जी महाराज ने प्राचीन बरही परंपरा का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि “स्त्री के हृदय में घाट नहीं, बल्कि कोमलता और श्रद्धा का स्पर्श होता है। भारतीय संस्कृति में नारी का स्थान पूजा योग्य है, उसका सम्मान ही सच्चा धर्म है।” उनके प्रवचनों में भक्ति, संगीत और जीवन दर्शन का अद्भुत समन्वय देखने को मिला।
कथा के आयोजन में मुख्य यजमान के रूप में श्रीमती उषा देवी त्रिपाठी एवं श्री शिवसम्पति राम तिवारी परिवार ने अपनी आस्था और सेवा भाव से समूचे आयोजन को भव्य स्वरूप दिया। प्रतिदिन शाम 3 बजे से रात्रि 6 बजे तक कथा का आयोजन हो रहा है, जिसमें आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर आध्यात्मिक आनंद ले रहे हैं।
कथा स्थल पर सुंदर साज-सज्जा, पुष्पमंडप, और भक्ति संगीत की मधुर ध्वनि से वातावरण दिव्य बन गया है। रूदपुर गांव इन दिनों भक्ति और आध्यात्मिकता से सराबोर है — हर ओर श्रीकृष्ण भक्ति की गूंज सुनाई दे रही है।
