वाराणसी
BHU में आरएसएस भवन संचालित करने की मांग पर हुई सुनवाई
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का भवन पुनः संचालित करने की मांग को लेकर दाखिल वाद पर सोमवार को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) शमाली मित्तल की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने विश्वविद्यालय प्रशासन को 18 नवंबर तक अंतिम अवसर देते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
वादी प्रमील पांडेय की ओर से अधिवक्ता गिरीश चंद्र उपाध्याय और मुकेश मिश्रा ने पक्ष रखते हुए बताया कि अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई जवाब या हलफनामा प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस पर अदालत ने निर्देश दिया कि प्रतिवादी संख्या दो — कुलपति अगली सुनवाई से पहले शपथपत्र सहित जवाब दाखिल करें और उसकी प्रति वादी को उपलब्ध कराएं।
प्रमील पांडेय, जो कि सुंदरपुर स्थित कौशलेश नगर कॉलोनी के निवासी हैं, उन्होंने याचिका में कहा है कि बीएचयू में 1931 में संघ की शाखा शुरू हुई थी, और महामना पं. मदन मोहन मालवीय की पहल पर 1937-38 में दो कमरों का संघ भवन बनवाया गया था। यह भवन तत्कालीन प्रति कुलपति राजा ज्वाला प्रसाद की देखरेख में तैयार हुआ था और इसे बाद में “संघ स्टेडियम” के नाम से जाना गया।
वादी का आरोप है कि 22 फरवरी 1976, यानी आपातकाल के दौरान, तत्कालीन कुलपति कालूलाल श्रीमाली के कार्यकाल में इस भवन को रातों-रात तोड़ दिया गया। याचिका में मांग की गई है कि इस भवन को पुनः संचालित किया जाए और इसके संचालन में कोई बाधा न दी जाए। अब अदालत ने विश्वविद्यालय प्रशासन से स्पष्ट जवाब मांगा है, और अगली सुनवाई की तिथि 18 नवंबर तय की गई है।
