वाराणसी
गंगा में हेलीकॉप्टर और क्रूज पर सुरक्षा बलों की ड्रिल देख लोग हुए हैरान
वाराणसी। रविवार की सुबह गंगा नदी का नजारा कुछ अलग था। सर्दियों के धुंधलके में जब लोगों ने अचानक गंगा की लहरों पर हेलीकॉप्टर, क्रूज और मोटर बोट को सक्रिय देखा तो वे अचंभित रह गए। गंगा में इन आधुनिक वाहनों को देखकर स्थानीयजन और पर्यटक घाटों पर जुट गए।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, रविदास घाट पर एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) और भारतीय एयरफोर्स की संयुक्त ड्रिल का आयोजन किया गया। इस ड्रिल का उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सुरक्षा प्रतिक्रिया की क्षमता को जांचना था। इस दौरान क्रूज पर हेलीकॉप्टर को उतारने का प्रयास किया गया। हेलीकॉप्टर की आवाज सुनते ही लोग उत्सुकता से भर गए और घाटों की ओर दौड़ पड़े।
सूत्रों के मुताबिक यह सुरक्षा अभ्यास गंगा नदी में संभावित आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए किया गया था। एनएसजी कमांडो और एयरफोर्स के जवानों ने क्रूज, हेलीकॉप्टर और मोटर बोट के जरिए सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण किया। इस दौरान एनएसजी कमांडो ने रस्सी के सहारे हेलीकॉप्टर से नीचे उतरने का अभ्यास किया। वहीं, एनडीआरएफ की टीम ने क्रूज के चारों ओर मोटर बोट से सुरक्षा घेरा बनाकर चक्रमण किया।
यह दृश्य देखकर आसपास के लोगों को लगा कि कोई बड़ी घटना घट गई है, परंतु बाद में स्पष्ट हुआ कि यह केवल सुरक्षा ड्रिल थी। अभ्यास के चलते पुलिस ने रविदास घाट और अस्सी घाट की ओर जाने वाले वाहनों को थोड़ी देर के लिए रोक दिया। लगभग आधे घंटे तक चला यह सुरक्षा उपक्रम सफलतापूर्वक पूरा हुआ, जिसके बाद गंगा और सड़कों पर यातायात सामान्य कर दिया गया।
स्थानीय निवासियों और पर्यटकों ने कहा कि इस प्रकार की ड्रिल सुरक्षा का भरोसा बढ़ाती है। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि बनारस जैसे पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ड्रिल के दौरान एनएसजी कमांडो ने विभिन्न सुरक्षा तकनीकों का प्रदर्शन किया और उनके निष्कर्षों को रिकॉर्ड भी किया गया।
यह ड्रिल न केवल सुरक्षा बलों की तत्परता की परीक्षा थी, बल्कि बनारस की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुई।
