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मानदेय न मिलने से अस्पताल में जड़ा ताला, आशा कार्यकर्ताओं के धरने से टीकाकरण प्रभावित
बस्ती। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सल्टौआ की आशा कार्यकर्ताओं का चार माह से बकाया मानदेय न मिलने पर शनिवार को सब्र टूट गया। नाराज आशा कार्यकर्ताओं ने सुबह सात बजे अस्पताल के कोल्ड चेन रूम सहित सभी कक्षों में ताला जड़कर धरना शुरू कर दिया। ताला बंदी के कारण वैक्सीन कैरियर बॉक्स सेंटर तक नहीं पहुंच सका, जिससे टीकाकरण सेवाएं बाधित रहीं।
करीब दो घंटे बाद क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र प्रसाद चौधरी मौके पर पहुंचे और आशा कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ हैं, लेकिन इनका पारिश्रमिक समय से न मिलना सरकार की नाकामयाबी को उजागर करता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अल्प पारिश्रमिक के बावजूद आशा कार्यकर्ताओं से 200 रुपये सुविधा शुल्क लिया जाता है। विधायक ने बताया कि पहले भी सदन में आशा, आंगनबाड़ी और रसोइयों से जुड़े मुद्दों को उठाया गया था और इस अन्याय के खिलाफ सड़कों से लेकर सदन तक लड़ाई जारी रहेगी।
धरने की सूचना मिलने पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव निगम मौके पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं की समस्या सुनी। उन्होंने गुरुवार तक बकाया भुगतान का आश्वासन दिया, जिसके बाद आशा कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त किया। आशा संघ के संरक्षक फूलचंद्र चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर तय समय तक भुगतान नहीं हुआ, तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा।
चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष मद्धेशिया ने बताया कि तकनीकी समस्या के कारण भुगतान रुका हुआ है। वहीं, आशा कार्यकर्ताओं का कहना था कि 13 ब्लॉकों में भुगतान हो चुका है, तो सल्टौआ में ही तकनीकी समस्या कैसे आ गई।
आशा कार्यकर्ताओं की दस सूत्रीय मांगे
आशा कार्यकर्ताओं ने राज्य कर्मचारी का दर्जा, राज्य कर्मचारी के समान सुविधाएं, चार माह का बकाया मानदेय भुगतान, वर्ष 2025 के पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान का भुगतान, डॉट्स प्रोवाइडर का अप्रैल 2025 का भुगतान, आभा आईडी का भुगतान, फाइलेरिया अभियान और दस्तक संचारी अभियान में पारिश्रमिक देने की मांग रखी।
