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वाराणसी

दुनिया की सबसे आधुनिक सुरक्षा तकनीक संग संचालित होगा रोपवे

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वाराणसी में देश के पहले अर्बन रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट की बाधाओं को दूर करने का प्रयास सफल होता दिख रहा है। इस परियोजना से लगभग एक लाख नागरिकों को रोपवे की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गोदौलिया स्टेशन के स्थान में बदलाव किया गया है और अब यह गिरिजाघर से आगे, चौक से लगभग 20 मीटर पहले स्थापित किया जाएगा। इस रोपवे से कैंट से गोदौलिया तक का सफर केवल 16 मिनट में पूरा होगा। परियोजना में कुल 148 मोनोकेबल गोंडोला का उपयोग किया जाएगा, जिनमें प्रत्येक में 10 यात्रियों की क्षमता होगी।

नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल), जो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की 100% स्वामित्व वाली कंपनी है, इस रोपवे का संचालन संभाल रही है। प्राधिकरण ने बताया कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में वाराणसी रोपवे में यात्री सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

सभी यात्रियों के लिए स्मार्ट तकनीक, बचाव के लिए तैयार प्रक्रियाएं, बैकअप पावर, नियमित रखरखाव और समावेशी डिजाइन अपनाया गया है। इसके साथ ही इमरजेंसी इवैक्यूएशन प्रक्रिया और रैपिड रिस्पांस प्लान लागू किया गया है। इस प्रकार रोपवे को दुनियाभर की सबसे आधुनिक और सुरक्षित तकनीकों से लैस किया जा रहा है।

पहले गोदौलिया चौराहा पर स्टेशन का निर्माण होना था, लेकिन अब नया स्टेशन गिरिजाघर से आगे और चौक से लगभग 20 मीटर पहले बनाया जाएगा। पूर्व में चिह्नित स्थल पर चार रास्तों का निर्माण स्वीकृत था, लेकिन नए स्थान पर केवल दो रास्ते बनाए जाएंगे।

गिरिजाघर स्टेशन का निर्माण अगले महीने तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। भारत माता मंदिर और रथयात्रा मार्ग के सभी सिविल कार्य पहले ही पूर्ण हो चुके हैं। कैंट स्टेशन में लगभग 50 प्रतिशत कार्य अभी बाकी है, लेकिन पाइलिंग कार्य ने गति पकड़ ली है। स्विट्ज़रलैंड से लगभग 60 गोंडोला पहले ही आ चुके हैं और इन्हें तीन सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है।

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इस रोपवे परियोजना का उद्देश्य न केवल शहर में यातायात को सुगम बनाना है, बल्कि वाराणसी के पर्यटन को भी बढ़ावा देना है। शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाला यह रोपवे पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा और स्थानीय नागरिकों के लिए यात्रा का समय कम करेगा।

वाराणसी में अर्बन रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट की प्रगति से यह स्पष्ट होता है कि शहर के विकास में आधुनिक तकनीक का समावेश किया जा रहा है। यह परियोजना स्थानीय नागरिकों के लिए सुविधाजनक होने के साथ-साथ शहर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में भी सहायक साबित होगी।

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