वाराणसी
शिवपुर तालाब संरक्षण को लेकर संघर्ष जारी
काशी पंचकोसी परिक्रमा मार्ग स्थित शिवपुर तालाब (आराजी नंबर 69, मौजा एवं परगना शिवपुर, कुल रकबा 2.70 एकड़, सदर तहसील वाराणसी) को 2002 में मिट्टी और मलबा डालकर पाटने की कोशिश की गई थी।
स्थानीय नागरिकों ने इसका कड़ा विरोध किया और आंदोलन, धरना-प्रदर्शन के साथ ही नगर निगम और जिला मुख्यालय में इस मुद्दे को उठाया। उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर हुई सुनवाई के बाद मंडलायुक्त द्वारा गठित जांच समिति ने स्पष्ट किया कि यह सार्वजनिक तालाब की भूमि है, जिस पर किसी को स्वामित्व या संक्रमणीय भूमिधर का अधिकार प्राप्त नहीं हो सकता।
टाउन एरिया कमेटी शिवपुर का गठन 1924 में हुआ था, जिसे 1959 में नगर महापालिका वाराणसी में मिला दिया गया और तभी से शिवपुर क्षेत्र कॉर्पोरेशन एरिया का हिस्सा रहा। सन 1291 फसली में गाटा संख्या 69 तालाब के रूप में दर्ज है।
नगर निगम वाराणसी द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र और विकास प्राधिकरण की स्वीकृति बाद में निरस्त कर दी गई। जिलाधिकारी के निर्देश पर 2008 में शिवपुर थाना में तालाब पाटने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बनी तालाब संरक्षण समिति की 2016, 2017 और 2018 की बैठकों में पाटे गए तालाब की खुदाई का निर्देश हुआ। जेसीबी लगाकर तालाब के हिस्से की खुदाई भी कराई गई थी।
इसके बाद अवैध कब्जेदारों ने लगातार दबाव बनाना शुरू किया और विरोध करने पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर हरदोई जिले में फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया। अदालत में सच सामने आने पर पुलिस को अपनी ही एफआईआर में फाइनल रिपोर्ट लगानी पड़ी।
शिवपुर तालाब नगर निगम की 63 तालाबों की सूची में 31वें नंबर पर दर्ज है। निगम की संपत्ति रजिस्टर में भी यह तालाब के रूप में अंकित है और मौके पर सूचना बोर्ड भी लगा हुआ है। विभिन्न शिकायतों पर अधिकारियों ने यही जवाब दिया कि भूमि तालाब की है और वहां कोई अवैध कब्जा या निर्माण नहीं हो रहा।
स्थानीय नागरिकों की मांग है कि तालाब की पूरी खुदाई कराकर उसे उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाए और सुंदरीकरण किया जाए। जब तक यह मांग पूरी नहीं होती, संघर्ष जारी रहेगा। पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए यह लड़ाई समाज के सहयोग और आशीर्वाद से आगे भी चलती रहेगी।
