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वाराणसी

पलक झपकते ही जहरीले सांपों को पकड़ लेते हैं रतन

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नागपंचमी विशेष

मिर्जामुराद (वाराणसी)। नागपंचमी सनातन धर्म में एक विशेष पर्व माना जाता है। इस दिन भारत में हिंदू लोग इस पर्व को बहुत ही विधि-विधान से शिव जी और नाग देवता को दूध और लावा चढ़ाकर पूजा करते हैं। वहीं, सांप एक ऐसा जीव है जिसका नाम सुनकर ही लोग भयभीत हो जाते हैं। यदि यह किसी के घरों में या आबादी वाले क्षेत्र में दिख जाए तो लोग उसे लाठी-डंडे से मारने लगते हैं। यूं तो सांप को मनुष्य का दुश्मन नहीं कहा जा सकता, लेकिन फिर भी हर साल भारत में सांप के काटने से 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।

लेकिन आपको बता दें कि वाराणसी जिले के मिर्जामुराद में एक ऐसा शख्स है जिसका नाम रतन गुप्ता है। वह सांपों से बिल्कुल नहीं डरते हैं और पलक झपकते ही जहरीले से जहरीले सांप को एक छड़ी के सहारे पकड़ लेते हैं। रतन गुप्ता लगभग 26 साल से सांपों को पकड़ते आ रहे हैं और अब तक 22,000 से ज्यादा सांपों को पकड़कर सुरक्षित जंगलों में छोड़ चुके हैं। इनका यह कारनामा देख पास-पड़ोस के लोग ही नहीं बल्कि वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही समेत अन्य क्षेत्रीय जिलों में भी उनकी खूब चर्चा रहती है।

मोबाइल पर कॉल आने पर रतन जाते हैं सांपों का रेस्क्यू करने

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वाराणसी या अन्य जिलों के किसी भी क्षेत्र से यदि रतन को मोबाइल पर कॉल आता है तो सांप को रेस्क्यू करने के लिए वह तुरंत वहां पहुंच जाते हैं, सांप को पकड़ते हैं और फिर उसे सुरक्षित एकांत जंगलों में छोड़ आते हैं। अब तक वह 22,000 से अधिक सांपों को सुरक्षित जंगल में छोड़ चुके हैं। रतन कहते हैं कि “अक्सर लोग सांप को देखकर लाठी-डंडे से मार देते हैं, जो कि नहीं करना चाहिए।”

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले में सर्प मित्र हैं और उनका नंबर भी उपलब्ध है। यदि सांप दिखे तो सूचना देकर रेस्क्यू करवाया जा सकता है। क्योंकि यदि धरती पर सांप न रहे, तो शायद हमें खाने के लिए अनाज न मिले। वह कहते हैं कि खेतों में चूहे अक्सर धान और गेहूं को खाकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं और सांप उन्हीं चूहों को अपना भोजन बनाते हैं।

सांपों के बारे में विशेष जानकारी

रतन बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में चार प्रकार के ही जहरीले सांप पाए जाते हैं—कॉमन करैत, कोबरा, रसेल वाइपर और पिट वाइपर। इनके अलावा बाकी सांप जहरीले नहीं होते। सांपों से बचाव के लिए उन्होंने बताया कि यदि कभी जहरीला सांप काट ले तो तुरंत अस्पताल का सहारा लेना चाहिए, न कि झाड़-फूंक कराना चाहिए। अक्सर झाड़-फूंक के चक्कर में लोग अपनी जान गंवा देते हैं।

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सांप अक्सर घरों में रखी उपली, लकड़ी या जहां ज्यादा सामान इकट्ठा रहता है, वहां छिपते हैं और बारिश के समय ये अधिक निकलते हैं। रतन के इस नेक कार्य की लोग खूब सराहना करते हैं।

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