वाराणसी
मुख्यमंत्री ने 22,000 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी

वाराणसी-आजमगढ़ मंडल के विकास को मिला बूस्ट, अधूरे कार्यों को प्राथमिकता पर पूरा करने के निर्देश
पूर्वांचल में बनेंगी 3,165 सड़कें और पुल
वाराणसी में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी और आजमगढ़ मंडल के लिए 22,468 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई है। मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में दोनों मंडलों के विधायकों, एमएलसी और मंत्रियों से मुलाकात कर उनके विधानसभा क्षेत्रों में अधूरे विकास कार्यों और आवश्यकताओं की जानकारी ली।
इस दौरान कुल 3,165 सड़क, पुल और पुलिया निर्माण परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिनमें सबसे अधिक प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी विभाग से संबंधित थे। सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्राथमिकता के आधार पर कार्यों की सूची तैयार कर विभाग को भेजा जाए और संबंधित विभाग तुरंत कार्य प्रारंभ कराए।

उन्होंने छह अन्य जिलों के लिए 600 से 700 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं की भी स्वीकृति दी। साथ ही नगर विकास, पर्यटन, संपर्क मार्गों, धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी, आरओबी, फ्लाईओवर, ओडीआर/एमडीआर मार्ग, ब्लैक स्पॉट सुधार और पांटून पुल जैसे विषयों पर भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में आठ मंत्रियों, लगभग 34 विधायकों और एमएलसी के साथ पूर्वांचल के समग्र विकास पर चर्चा की। बैठक में शामिल प्रमुख चेहरों में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, ओम प्रकाश राजभर, दयाशंकर सिंह, दारा सिंह चौहान, रविंद्र जायसवाल, डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु, दानिश अंसारी और गिरीश चंद्र यादव जैसे मंत्री उपस्थित थे।
वाराणसी जिले के आठ विधायक और तीन एमएलसी भी अपने-अपने क्षेत्रों के लिए दो हजार करोड़ के करीब परियोजनाएं लेकर आए जिन्हें तत्काल स्वीकृति दे दी गई। इस पहल के तहत वाराणसी और आजमगढ़ मंडल के सात जिलों में अधूरे कार्यों को प्राथमिकता पर पूरा कराने की योजना है।
अधिकारियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने परियोजनाओं की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए। बैठक में एडीजी जोन, डीएम, एसीपी, डीआईजी, वीडीए वीसी, नगर आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने सावन के तीसरे सोमवार के दिन बाबा काल भैरव, काशी विश्वनाथ और दुर्गाकुंड स्थित मां दुर्गा के मंदिर में दर्शन-पूजन कर प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की।वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी और रामेश्वरम को जोड़ने की पहल करते हुए श्री काशी विश्वनाथ धाम से त्रिवेणी का जल और रेत रामेश्वरम भेजा। इससे वहां रामनाथस्वामी ज्योतिर्लिंग का अभिषेक होगा। वहीं, रामेश्वरम से भेजे गए जल से सावन की पूर्णिमा पर श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया जाएगा। यह उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक एकीकरण का प्रतीक है।