मऊ
गौशाला में चारा और दवा की कमी से सात गायों की मौत

दोहरीघाट ब्लॉक का मामला उजागर होने से हड़कंप
मऊ। उत्तर प्रदेश सरकार जहां गौशालाओं में चारा और दवा की समुचित व्यवस्था का दावा करती है, वहीं मऊ जनपद के दोहरीघाट ब्लॉक अंतर्गत पाऊस ग्राम पंचायत की गौशाला की हालत कुछ और ही बयां कर रही है। बताया जा रहा है कि यहां चारा और दवा के घोर अभाव के कारण सात गायों की मौत हो गई, जिससे पूरे जनपद में हड़कंप मच गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां गायों की सेवा को प्राथमिकता देते हैं और स्वयं गोसेवा करते नजर आते हैं, वहीं कई गौशालाओं की स्थिति जमीन पर बेहद चिंताजनक है। कुछ ही दिन पहले गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता मऊ के दौरे पर आए थे और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि गायों के लिए चारा और दवा की कोई कमी न हो, क्योंकि यह पशु न केवल दूध बल्कि गोबर और मूत्र जैसे उपयोगी पदार्थ भी प्रदान करता है।लेकिन पाऊस ग्राम की इस गौशाला का दृश्य कुछ और ही कहानी कहता है।
जब विश्व हिंदू परिषद गौ रक्षा के जिला अध्यक्ष अरविंद पांडे मौके पर पहुंचे तो वहां मृत पड़ी गायों का मंजर देख वह स्तब्ध रह गए। उन्होंने तत्काल जिलाधिकारी प्रवीण मिश्रा एवं मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर को फोन कर मामले की गंभीरता से अवगत कराया।हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले से दोहरीघाट ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी अनजान बने हुए हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि वे जमीनी हकीकत से पूरी तरह कटे हुए हैं। अब देखना होगा कि गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं जनपद के उच्च अधिकारी इस लापरवाही पर क्या कदम उठाते हैं और सात मरी हुई गायों के लिए क्या मुआवजा या कार्यवाही होती है।
एक ओर सरकार गायों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध नजर आती है, वहीं दूसरी ओर गौशालाओं में व्यवस्था का अभाव गंभीर सवाल खड़े करता है। अधिकारी केवल खानापूरी कर रहे हैं और नेता मंचों पर वादों के पुल बांध रहे हैं, पर असली तस्वीर इन गौशालाओं में दिखाई देती है, जहां गायें तिल-तिल कर दम तोड़ रही हैं।