गाजीपुर
कौवों को नमकीन खिलाकर ही चाय पीते हैं दीवान जी

नन्दगंज (गाजीपुर)। पक्षी भी इंसान को खूब पहचानते हैं, और जब संबंध भोजन से हो तो पूछिए मत। जी हां, नन्दगंज थाने में एक दीवान राजेन्द्र तिवारी हैं, जिन्हें स्टाफ के लोग बाबा भी कहते हैं। वे सुबह जब एक चाय की दुकान पर पहुंचते हैं तो कौवे कांव-कांव करते हुए उनके आसपास मंडराने लगते हैं। उसके बाद वे स्वयं चाय पीने से पहले उस दुकान से एक पाव नमकीन (बेसन सेवड़ा) लेकर पास ही जमीन पर बिखेर देते हैं और पचासों कौवे आकर नमकीन चुगने लगते हैं। यह उनका रोज का कार्य बन गया है।

अब तो यह हो गया है कि यदि वे दिन में जितनी बार भी उस दुकान पर जाते हैं, तो उनके पहुंचते ही पता नहीं कहां से कौवा आकर कांव-कांव करने लगते हैं। जबकि पक्षियों में कौवा को सबसे चालाक व चंचल पक्षी माना जाता है। लेकिन ये कौवे भी तिवारी जी को देखते ही कांव-कांव करते हुए उनके पास तक आ जाते हैं। अब लोग कहने लगे हैं कि देखिए तिवारी जी (बाबा) आपके आते ही कौवे भी आ गए। दीवान राजेन्द्र तिवारी ने बताया कि मैं जहां भी रहा, पक्षियों को अवश्य खिलाता रहता हूं। अपने घर गांव जाने पर भी खिलाता हूं। पहले नमकीन डालने पर कौवे पास आने से डरते थे, लेकिन अब तो पास भी आ जाते हैं। इन्हें खिलाने से मुझे आनंद तथा अच्छा लगता है।