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गाजीपुर

नन्दगंज में नहीं रुकती कोई एक्सप्रेस ट्रेन, सांसद से नाराज जनता

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नन्दगंज (गाजीपुर)। वाराणसी-गाजीपुर रेलखंड पर स्थित नंदगंज स्टेशन पर कोई भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं होने से क्षेत्र के नागरिकों में आक्रोश और निराशा दोनों देखने को मिल रही हैं। लोगों को मजबूरन 20 किमी दूर गाजीपुर मुख्यालय जाना पड़ता है। शहीदों की धरती कहे जाने वाले नंदगंज क्षेत्र के नागरिक लंबे समय से नंदगंज स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की पुरजोर मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक रेलवे प्रशासन द्वारा इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में नंदगंज रेलवे स्टेशन पर केवल डाउन (वापसी) में सप्ताह में चार दिन मात्र सद्भावना एक्सप्रेस का ठहराव है, जबकि इस रूट पर चलने वाली दर्जनों एक्सप्रेस ट्रेनों में से किसी का भी नियमित ठहराव नहीं है। इसके कारण यात्रियों को 20 किलोमीटर दूर गाजीपुर मुख्यालय या 25 किलोमीटर दूर औड़िहार जंक्शन से ट्रेन पकड़नी पड़ती है।

नंदगंज रेलवे स्टेशन केवल नंदगंज क्षेत्र ही नहीं, बल्कि देवकली, मनिहारी, करंडा और गाजीपुर सदर ब्लॉक के हजारों नागरिकों के लिए भी प्रमुख यातायात केंद्र है। नंदगंज में शराब का लार्ड्स डिस्टिलरी कारखाना, रेलवे का मालगोदाम तथा जनपद का एकमात्र नंदगंज औद्योगिक क्षेत्र भी है, जिसमें अनेक छोटे-बड़े उद्योग-धंधे चल रहे हैं। यहां से काफी लोग लखनऊ, दिल्ली तथा मुंबई आदि शहरों के लिए आते-जाते रहते हैं। क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि यदि नंदगंज स्टेशन पर प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव हो जाए तो न केवल यात्रा की सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि रेलवे के राजस्व में भी काफी बढ़ोतरी होगी।

क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के लिए दो वर्ष पूर्व हस्ताक्षर अभियान चलाकर सपा के सदर विधायक जय किशन साहू द्वारा रेल मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्षेत्रवासियों ने पुनः रेल मंत्री और रेलवे प्रशासन से मांग की है कि नंदगंज रेलवे स्टेशन पर सुहेलदेव एक्सप्रेस, लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस और सद्भावना एक्सप्रेस का अप और डाउन दोनों दिशाओं में दो मिनट का ठहराव सुनिश्चित किया जाए। लोगों ने बताया कि कोरोना काल से पहले दो एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती थीं, लेकिन कोरोना में ट्रेनें बंद होने के बाद अभी तक ठहराव शुरू नहीं हुआ है।

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क्षेत्र के दुकानदार, किसान, छात्र और वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि रेलवे की उपेक्षा से उन्हें अनावश्यक 20-25 किमी की दूरी और समय की बर्बादी का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं, बुजुर्गों एवं बच्चों के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों को होती है।

सदर क्षेत्र की भाजपा की पूर्व विधायिका तथा वर्तमान राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत दिल्ली में सत्ता के करीब रहने के बावजूद नंदगंज क्षेत्र की एक्सप्रेस ट्रेन ठहराव समस्या पर मौन साधे हुए हैं। उन्हें केवल गंगा पार लोगों की समस्या दिखाई देती है, नंदगंज क्षेत्र की नहीं। क्षेत्र के नागरिकों ने केंद्र सरकार के रेल मंत्री से एक बार पुनः आग्रह किया है कि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व और आवागमन की आवश्यकता को देखते हुए नंदगंज रेलवे स्टेशन को एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव से वंचित न रखा जाए। यदि जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई, तो क्षेत्र के लोगों का मोदी और योगी सरकार से धीरे-धीरे मोहभंग होता जा रहा है। इसकी बानगी पिछले लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव में मिल चुकी है।

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