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पाकिस्तानी नेता अल्ताफ हुसैन ने की भारत से खास अपील

नई दिल्ली। लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के निर्वासित नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष अपील की। उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान में बसे उर्दू भाषी मुहाजिरों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर आवाज उठानी चाहिए।
दशकों से हो रहा उत्पीड़न
हुसैन ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सैन्य और सरकारी संस्थाएं लंबे समय से मुहाजिर समुदाय पर अत्याचार कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि अब तक 25,000 से अधिक मुहाजिरों की जान जा चुकी है और हजारों लापता हैं। उनके अनुसार, यह उत्पीड़न पूरी तरह राज्य प्रायोजित है।
मोदी की नीतियों की सराहना
अल्ताफ हुसैन ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बलोच लोगों के समर्थन की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जताई कि वे मुहाजिर समुदाय के हक में भी इसी तरह आगे आएंगे। उन्होंने इसे एक “नैतिक और साहसी” कदम बताया।
पाकिस्तानी आरोपों को बताया प्रोपेगेंडा
हुसैन ने कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए पाकिस्तान की ओर से लगातार साजिशें रची जा रही हैं। हाल ही में ह्यूस्टन स्थित पाकिस्तानी कॉन्सुल जनरल द्वारा पेश एक वीडियो में MQM को भारत समर्थित संगठन बताया गया, जिसे हुसैन ने झूठा और बेबुनियाद करार दिया।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी की अपील
हुसैन ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक शक्तियों से आग्रह किया कि वे मुहाजिर समुदाय के लिए आवाज उठाएं और पाकिस्तान में हो रहे मानवाधिकार हनन पर संज्ञान लें।
कौन हैं मुहाजिर?
भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान जो लोग भारत से पाकिस्तान गए और मुख्यतः उर्दू भाषी थे, उन्हें मुहाजिर कहा जाता है। आज भी इन्हें पाकिस्तान में अल्पसंख्यक माना जाता है और कथित तौर पर भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है।
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) क्या है?
MQM पाकिस्तान की एक राजनीतिक पार्टी है, जो मुहाजिरों के अधिकारों के लिए संघर्ष करती रही है। हालांकि, इस पार्टी पर पाकिस्तान में हिंसा और अलगाववाद को बढ़ावा देने के आरोप भी लगे हैं।
यदि प्रधानमंत्री मोदी इस विषय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाते हैं, तो यह भारत-पाक संबंधों में नई कूटनीतिक जटिलता ला सकता है। वहीं, यह कदम मुहाजिरों के अधिकारों के समर्थन में एक मजबूत संदेश भी साबित हो सकता है।