वाराणसी
गांव-गांव में युवाओं को ट्रेनिंग देंगे पूर्व सैनिक
गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश, सिविल डिफेंस को मजबूत करने की तैयारी
वाराणसी। देश की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर पूर्व सैनिकों को एक बार फिर सिविल डिफेंस की जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत अब गांव-गांव में युवाओं को सेना भर्ती की तैयारी के साथ युद्धकालीन परिस्थितियों में बचाव और अनुशासन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस प्रशिक्षण की जिम्मेदारी पूर्व सैनिकों को दी जाएगी, जो न केवल युवाओं को सेना में भर्ती के गुर सिखाएंगे, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में कैसे बचाव करें, इसकी भी व्यावहारिक जानकारी देंगे। भारत-पाक युद्ध 1971 के 54 साल बाद एक बार फिर पूर्व सैनिकों को नागरिक सुरक्षा प्रणाली में शामिल किया जा रहा है।
जिलों में मांगे जा रहे आवेदन
सभी जिलों में इच्छुक पूर्व सैनिकों से आवेदन मांगे गए हैं। जिला सैनिक पुनर्वास कल्याण परिषद कार्यालय में संपर्क कर वे सिविल डिफेंस स्वयंसेवक के रूप में नामांकन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
अनुभव और अनुशासन होगा उपयोगी
सरकार का मानना है कि पूर्व सैनिकों के पास सैन्य सेवा का अनुभव, अनुशासन और विशेष प्रशिक्षण होता है, जो आपदा प्रबंधन और संकट की स्थिति में आम नागरिकों का मार्गदर्शन करने में सहायक सिद्ध होगा। सिविल डिफेंस में शामिल होने वाले पूर्व सैनिकों को कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी, जिनमें अस्थायी अस्पताल और चिकित्सा शिविरों की स्थापना व संचालन भी शामिल है।
पूर्व सैनिकों ने जतायी उत्सुकता
पूर्व सैनिकों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि उन्हें जो प्रशिक्षण सेवा के दौरान मिला, अब वे उसे देशहित में उपयोग करना चाहते हैं। कई पूर्व सैनिकों ने बताया कि वे जल्द ही जिला सैनिक पुनर्वास कार्यालय में आवेदन करेंगे।
इस योजना के माध्यम से सरकार न केवल युवाओं को जागरूक और तैयार कर रही है, बल्कि पूर्व सैनिकों को भी देशसेवा का एक और अवसर प्रदान कर रही है।
