वाराणसी
BHU : भारत-पाक तनाव के बीच अस्पताल में आपदा प्रबंधन चौकस

वाराणसी। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में आपदा प्रबंधन व्यवस्था को पूर्ण रूप से सक्रिय कर दिया गया है। आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन ने विशेष रणनीति तैयार की है, जिसके तहत डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। सभी कर्मियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं।
60 नर्सिंग अधिकारियों की बनीं छह टीमें
आपदा प्रबंधन व्यवस्था के तहत कुल 60 नर्सिंग अधिकारियों को छह अलग-अलग टीमों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक टीम में 10 सदस्य हैं। ये टीमें आपातकालीन स्थितियों में बेड व्यवस्था, इलाज, दवा आपूर्ति, दस्तावेजीकरण और मरीजों को स्थानांतरित करने जैसे कार्यों की जिम्मेदारी निभाएंगी। इन टीमों के साथ मेडिसिन, सर्जरी, एनेस्थीसिया और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक भी तैनात किए गए हैं।
सुनियोजित नेतृत्व व्यवस्था
आपदा प्रबंधन टीम का नेतृत्व बीएचयू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता को सौंपा गया है। उनके सहयोगी के रूप में डिप्टी एमएस प्रो. अंकुर सिंह और प्रो. निलेश सह-नोडल अधिकारी की भूमिका में रहेंगे। नर्सिंग स्टाफ की कमान नर्सिंग अधीक्षक प्रकाशचंद्र शर्मा के हाथों में होगी, जो टीम कमांडर के रूप में कार्य करेंगे।
रूटीन इलाज पर नहीं पड़ेगा असर
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. गुप्ता ने बताया कि आपदा की स्थिति में भी सामान्य मरीजों का इलाज बाधित नहीं होने दिया जाएगा। अस्पताल परिसर में उपलब्ध सभी बेड का समुचित उपयोग करते हुए मरीजों को समायोजित किया जाएगा। इसके लिए वैकल्पिक मार्गों और स्थानों को पहले से चिह्नित कर लिया गया है।
आयुष विभाग भी पूरी तरह सतर्क
इधर, राज्य के आयुष एवं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने सभी आयुष चिकित्सकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में आयुष चिकित्सालयों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।