वाराणसी
39वें निर्वाण दिवस पर लोकबंधु बाबू राजनारायण को अधिवक्ताओं ने किया नमन
मिर्जामुराद (वाराणसी)। दी तहसील बार एसोसिएशन, राजातालाब (वाराणसी) में अध्यक्ष चंद्रशेखर उपाध्याय एवं महामंत्री अमृत कुमार पटेल के नेतृत्व में लोकबंधु बाबू राजनारायण के 39वें निर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनके तेलचित्र पर माल्यार्पण कर 39 मोमबत्तियाँ जलाते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित अधिवक्ताओं ने “जब तक सूरज-चाँद रहेगा, लोकबंधु का नाम रहेगा” के नारे लगाए।
पूर्व महामंत्री प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के वास्तविक मूल्यों को जीवंत रखने के लिए लोकबंधु बाबू राजनारायण ने उच्च न्यायालय से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। वे स्वयं एक प्रख्यात अधिवक्ता थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील कुमार तोयज ने कहा कि वर्ष 1954 में लोकबंधु जी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में छुआछूत समाप्त कर सभी वर्गों के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त किया। इसके लिए उन्हें 48 दिनों तक सत्याग्रह करना पड़ा, जिसमें प्रभु नारायण सिंह सहित अनेक लोग जेल गए।
पूर्व अध्यक्ष दिनेश नारायण शर्मा ने कहा कि दलितों और वंचितों के आशीर्वाद का ही प्रतिफल था कि लोकबंधु बाबू राजनारायण ने रायबरेली से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पराजित कर भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी। उन्होंने कहा कि “दरिद्र नारायण ने अपने नारायण को पहचान लिया था।”
इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष रामजी सिंह, सर्वजीत भारद्वाज, छेदीलाल यादव, भूपेंद्र कुमार सिंह, शासकीय अधिवक्ता विजय पांडेय, पूर्व महामंत्री नंदकिशोर सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक कुमार त्रिपाठी, संतोष मिश्रा, काशीनाथ पटेल, रविंद्र कुमार वर्मा, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा, दीपक पटेल, दुर्गेश सिंह सहित सैकड़ों अधिवक्ता उपस्थित रहे।
