चन्दौली
हर महीने अयोध्या दर्शन की मिलेगी मुफ्त सुविधा: डॉ. विनय प्रकाश तिवारी

चंदौली। गरीब और असहाय लोगों की सेवा करना पुनीत कार्य होता है। धर्म के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को समाज के निराश्रित, गरीब और कमजोर लोगों की मदद के लिए आगे आने की जरूरत है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मेरे द्वारा एक ट्रैवलर खरीदा गया है, ताकि उक्त ट्रैवलर के माध्यम से गरीब, बुजुर्ग व असहाय लोगों को धार्मिक स्थल का नि:शुल्क दर्शन कराया जा सके। आगामी 23 अगस्त शनिवार को अयोध्या में श्रीराम लला के दर्शन के लिए यह प्रस्थान करेगी। उक्त जानकारी जनपद के कांटा बिशनपुरा में स्थापित डैडीज इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक डॉक्टर विनय प्रकाश तिवारी ने दी।
विनय प्रकाश तिवारी ने बताया कि 84 लाख योनियों में भटकने के बाद मनुष्य का शरीर प्राप्त होता है। धर्म और कर्म के मार्ग अनेक होते हैं। कोई मंदिरों में चढ़ावा चढ़ाता है, कोई भंडारा करता है, तो कोई दान-दक्षिणा देकर पुण्य कमाने की कोशिश करता है। समाज के सुविधा संपन्न लोगों को कुछ ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे दूसरे व्यक्ति को आत्मसंतुष्टि मिले।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण विगत दिनों संपन्न हुआ। अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन पहुँच रहे हैं। लेकिन देश में अब भी करोड़ों ऐसे श्रद्धालु हैं, जिनकी यह इच्छा अधूरी रह जाती है। श्री तिवारी ने कहा कि आर्थिक कारणों या संसाधनों की कमी के कारण रामभक्तों की अधूरी ललक को पूर्ण करने का बीड़ा हमने उठाया है। उन्होंने बताया कि अपने निजी खर्चे से एक AC ट्रैवलर वाहन खरीदा है और अब हर महीने श्रद्धालुओं को मुफ्त अयोध्या दर्शन कराने का संकल्प लिया है। इस महीने भी यह यात्रा 23 अगस्त को अयोध्या के लिए रवाना होगी।
डॉ. विनय प्रकाश तिवारी का कहना है कि रामलला के दर्शन तो करोड़ों लोग करना चाहते हैं। लेकिन मैं तो उस वानर सेना की एक गिलहरी हूँ, जो बड़े पत्थरों से बन रहे रामसेतु के छोटे-छोटे गड्ढों को अपने नन्हें कंकड़ों से भरने की कोशिश करती है।
उन्होंने कहा कि सेवा केवल धन से नहीं, भावना व समर्पण से भी होती है। उन्होंने बताया कि इस पुण्य यात्रा में शामिल होने के लिए किसी को कोई शुल्क नहीं देना है। बस Daddy’s International School, चंदौली में जाकर यात्रा के लिए अपना नाम दर्ज कराना है। बस में सीमित सीटें हैं, इसलिए पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर यात्रियों का चयन किया जाएगा।
साथ ही उन्होंने समाज के सक्षम लोगों से सहयोग की अपील की। डॉ. तिवारी ने समाज के दानदाताओं, उद्यमियों व धर्मप्रेमियों से भी अपील की है कि वे आगे आएं और इस सेवा को महीने में एक बार नहीं, बल्कि कई बार कराने में सहयोग कर पुण्य कार्य के सहभागी बनें।
उनका कहना है, “प्रभु श्रीराम के दर्शन कराना सबसे बड़ा पुण्य है। ज्ञात हो कि धार्मिकता जब व्यक्तिगत आस्था से ऊपर उठकर सामाजिक कल्याण बन जाए, तब वह सेवा कहलाती है। डॉ. विनय तिवारी की यह पहल समाज के लिए न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समाज के लिए एक मार्गदर्शक भी है।”