शिक्षा
हंडिया में ‘एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य’ पर योग संगोष्ठी संपन्न

योग भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार – डॉ. विवेक पांडेय
हंडिया (प्रयागराज)। पीजी कॉलेज हंडिया में ‘एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग’ विषय पर एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय तथा पीजी कॉलेज हंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में योग के वैश्विक महत्व पर विस्तृत चर्चा की गई।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पीजी कॉलेज हंडिया के प्राचार्य डॉ. विवेक पांडेय*ने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग एवं पारंपरिक चिकित्सा के बारे में जिज्ञासा बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में युवा योग एवं आयुर्वेद को स्वास्थ्य के बेहतरीन माध्यम के रूप में अपना रहे हैं। योग भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है।

आयुर्वेद कॉलेज के अगद तंत्र विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने योग के व्यापक प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग सिर्फ व्यक्तिगत स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवता, पर्यावरण एवं वैश्विक कल्याण की भावना को प्रकट करता है।
नेशनल इंटर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय मिश्रा ने योग की दैनिक उपयोगिता पर जोर देते हुए कहा कि नित्य प्रातःकाल उठकर टहलने और योग प्राणायाम करने से व्यक्ति रोगमुक्त होकर चिरयुवा बना रह सकता है।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. अवनीश पांडेय ने समसामयिक चुनौतियों के संदर्भ में योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज हमारे सामने स्वास्थ्य और पर्यावरण की दो बड़ी चुनौतियां हैं। योग मानव एवं प्रकृति के बीच संतुलन का माध्यम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग को वैश्विक पहचान मिली है, जिससे न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान मिला बल्कि पूरी मानवता को स्वास्थ्य एवं शांति का मार्ग दिखाया गया। आज योग एक जन आंदोलन बन चुका है।
संगोष्ठी में प्रोफेसर मुन्ना सिंह, डॉ. सोमेश नारायण सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह और डॉ. सुषमा तिवारी ने भी योग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
छात्रों में डॉ. शुभम पाठक, अमन प्रताप सिंह, आयुष श्रीवास्तव और सौम्या सोनी ने योग के वैज्ञानिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने आयुर्वेदिक कॉलेज से पीजी कॉलेज तक योग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक रैली भी निकाली, जिसमें योग के लाभों और महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
इस संगोष्ठी के माध्यम से योग की प्राचीन परंपरा को आधुनिक संदर्भ में स्थापित करने और स्वास्थ्य के क्षेत्र में इसकी भूमिका को रेखांकित करने में सफलता मिली।