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वाराणसी

स्वास्थ्य विभाग की उत्कृष्ट पहल ,वाराणसी में मातृ एवं शिशु देखभाल, एक अनुकरणीय मॉडल

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कम वजन वाले 5500 शिशुओं का किया गया उपचार


वाराणसी, । जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है| इसके अंतर्गत मातृ एवं शिशु देखभाल हेतु संचालित कार्यक्रमों में अभिनव प्रयोग कर उच्च स्वास्थ्य मानकों को स्थापित किया गया  है| इसके सम्बन्ध में जानकारी देते हुये *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी* ने बताया कि संस्थागत प्रसव, आपरेशन से प्रसव (सिजेरियन) और कम वजन वाले शिशुओं के प्रभावी उपचार  में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन प्रयासों से  शिशु मृत्यु-दर (आईएमआर), मातृ मृत्यु-दर (एमएमआर), और नवजात मृत्यु-दर (एनएमआर) में  उल्लेखनीय कमी आई है।


उन्होंने बताया कि जनपद में  3000 से अधिक मॉडल वीएचएनडी (ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस) का आयोजन किया जा रहा है| इन वीएचएनडी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं की जाँच के साथ साथ टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है, जिनकी लगातार निगरानी की जा रही है। वीएचएनडी स्थलों को अधिक सुलभ एवं उपयुक्त स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। प्रमुख प्रसव स्थलों पर बेहतर एनबीएसयू (नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई) के द्वारा शिशुओं की देखभाल की जा रही है। जटिल प्रसव के लिए सर सुन्दर लाल चिकित्सालय  (बीएचयू) सहित कुल 10 एफआरयू (प्रथम रेफरल यूनिट) स्थापित किये गये हैं। कम वजन वाले शिशु की देखभाल के लिए 12 नये  एमएनसीयू (मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल इकाई) की स्थापना की गई है। 200 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (स्वास्थ्य उप केन्द्रों) पर अत्याधुनिक उपकरणों एवं औषधियों की सुविधायें प्रदान की गई हैं|  आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल को प्रभावी रूप से सुनिश्चित किया गया  है|  एएनएम और आशा द्वारा एचआरपी (उच्च जोखिम गर्भावस्था) ट्रैकिंग में लगातार सुधार हो रहा है। लक्ष्य कार्यक्रम के मानकों के अनुसार सर्जरी और प्रसव कक्ष में सुधार कराया गया है। सभी संकेतकों की लगातार साप्ताहिक निगरानी की जा रही है।


सीएमओ ने बताया कि  संस्थागत प्रसव में विगत तीन वर्षों में 60 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है, जहाँ वर्ष 2020-21 में 55,132 संस्थागत प्रसव हुये थे वहीँ वर्ष 2023-24 में 78,178 संस्थागत प्रसव हुये हैं। सिजेरियन प्रसव  में 700 फीसदी  से अधिक की वृद्धि हुई है| जहाँ वर्ष 20-21 में 2,705 में जटिल प्रसव कराये गए थे, वहीँ वर्ष  23-24 में 18,351 सिजेरियन आपरेशन किए गए हैं|  उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की महिलाओं की लगातार ट्रैकिंग की जा रही है। कम वजन वाले शिशुओं के प्रभावी प्रबंधन द्वरा प्रति वर्ष 5,500 से अधिक का उपचार कराया गया है। जननी सुरक्षा योजना और मातृ वंदना योजना में वाराणसी का लगातार राज्य के शीर्ष 5 जिलों में स्थान रहा है। इस तरह से ये पहल मातृ एवं शिशु देखभाल को बेहतर बनाने के लिए एक अनुकरणीय मॉडल को प्रदर्शित करती है|

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