वाराणसी
स्मार्ट मीटर की रीडिंग और लोड में अनियमितता से उपभोक्ता हैरान

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को भेजा गया पत्र
वाराणसी। चांदपुर इंडस्ट्रियल एस्टेट निवासी उपभोक्ता संजय चौबे ने स्मार्ट मीटर की रीडिंग और लोड में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है। उपभोक्ता के अनुसार, स्मार्ट मीटर की रीडिंग चेक मीटर के मुकाबले काफी तेज है और लोड भी असामान्य रूप से बढ़ रहा है, जिससे संदेह की स्थिति उत्पन्न हुई है।
उपभोक्ता ने बताया कि वह एलएमवी वन श्रेणी का उपभोक्ता है। 24 मई को उनके पुराने इलेक्ट्रॉनिक मीटर को हटाकर नया स्मार्ट मीटर लगाया गया। रीडिंग पर ध्यान देने पर पता चला कि मीटर में यूनिट और लोड दोनों असामान्य रूप से जंप कर रहे हैं। इस संबंध में 31 मई को शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद चार जून को जेई द्वारा जांच की गई। उस समय मीटर की रीडिंग 426 यूनिट पाई गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
इसके बाद उपभोक्ता ने चेक मीटर लगवाने के लिए शुल्क जमा किया। दस जून को विभाग द्वारा चेक मीटर लगाया गया, जिसके अनुसार स्मार्ट मीटर का लोड 4.44 केडब्ल्यू और रीडिंग 637.8 यूनिट थी, जबकि इलेक्ट्रॉनिक चेक मीटर का लोड 1.91 केडब्ल्यू और रीडिंग 2274 यूनिट दर्शाई गई।
इसके अतिरिक्त, बाजार से लाकर उपभोक्ता ने एचपीएल कंपनी का एक और इलेक्ट्रॉनिक मीटर भी दस मीटर की दूरी पर लगवाया। चार जुलाई को विभाग द्वारा चेक मीटर हटाया गया, तब स्मार्ट मीटर की रीडिंग 1253.5 यूनिट और लोड 3.69 केडब्ल्यू था, जबकि चेक मीटर की रीडिंग 2889 यूनिट और लोड 3.7 केडब्ल्यू पाई गई।
संजय चौबे ने पत्र में तीन प्रमुख सवाल उठाए हैं:
- रीडिंग में असमानता का कारण: स्मार्ट मीटर लगने के बाद 17 दिन तक 43.5, 81, 49.1, 50.7, 61.2 यूनिट जैसी ऊंची रीडिंग दर्ज हुई, जबकि 10 जून को चेक मीटर लगने के बाद से कोई भी दिन ऐसा नहीं था जब 28 यूनिट से अधिक रीडिंग दर्ज हुई हो। यह अंतर क्यों?
- लोड के बावजूद रीडिंग में अंतर: चेकमीटर और एचपीएल इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाने के बावजूद स्मार्ट मीटर में इतनी अधिक रीडिंग कैसे दर्ज हुई जबकि लोड समान था?
- स्मार्ट मीटर की तेज रीडिंग का कारण: विभाग द्वारा जारी सर्टिफिकेट में बताया गया है कि स्मार्ट मीटर 24 दिन में 0.7 यूनिट तेज चला, जबकि चेक मीटर का लोड स्मार्ट मीटर से 10 वॉट अधिक था। ऐसे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चेक मीटर की रीडिंग अधिक होनी चाहिए थी, मगर उल्टा हुआ।
उपभोक्ता ने विभाग से इन तीनों बिंदुओं पर स्पष्ट जवाब मांगा है और स्मार्ट मीटर की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।