अपराध
स्कूली बस पर आत्मघाती हमला, तीन बच्चों समेत पांच की मौत, कई घायल

इस्लामाबाद/कराची। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के खुजदार ज़िले में बुधवार को एक स्कूल बस को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले में तीन बच्चों समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 38 अन्य घायल हो गए। हमले की ज़िम्मेदारी अब तक किसी भी संगठन ने नहीं ली है।
सेना द्वारा जारी बयान में कहा गया कि यह कायराना हमला उस समय हुआ जब बस बच्चों को स्कूल ले जा रही थी। मृतकों में तीन बच्चे और दो वयस्क शामिल हैं। दर्जनों बच्चे घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, धमाका एक वाहन में रखे गए विस्फोटक उपकरण (VBIED) के ज़रिये किया गया। ज़ीरो पॉइंट इलाके में हुए इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। खुजदार के डिप्टी कमिश्नर यासिर के हवाले से डॉन अख़बार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में इसे आत्मघाती हमला माना जा रहा है।
घायलों को तत्काल कंबाइंड मिलिट्री हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल बच्चों और अन्य पीड़ितों को क्वेटा और कराची के बड़े मेडिकल सेंटर्स रेफर किया गया।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने जताया दुख
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “मासूम बच्चों और शिक्षकों की हत्या अक्षम्य अपराध है। हमलावरों को जल्द पकड़कर सज़ा दी जाएगी।” राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने भी इस हमले को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
“दहशत फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा”
गृह मंत्री मोसिन नक़वी ने कहा, “जो दरिंदे मासूम बच्चों को निशाना बनाते हैं, उन्हें किसी भी तरह की नरमी का हक़ नहीं है।” वहीं, प्रांतीय मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने कहा कि हर आतंकवादी को बेनकाब किया जाएगा और उन्हें पूरी तरह खत्म किया जाएगा।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने भी इस हमले को “शर्मनाक और कायराना हरकत” बताया।
बलूचिस्तान में विद्रोह और अस्थिरता जारी
ईरान और अफगानिस्तान से सटे बलूचिस्तान प्रांत में पिछले दो दशकों से हिंसक विद्रोह जारी है। स्थानीय बलूच समूह केंद्र सरकार पर क्षेत्र के खनिज संसाधनों के शोषण का आरोप लगाते रहे हैं। विद्रोही गुट CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) परियोजनाओं को भी निशाना बनाते रहे हैं। सरकार ने इस हमले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन आम नागरिकों और बच्चों की सुरक्षा को लेकर फिर सवाल खड़े हो गए हैं।