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वाराणसी

सोशल मीडिया पर सक्रिय पुलिसकर्मियों की फोटोज़ से ठगी

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फर्जी आईडी बनाकर की गई लाखों की ठगी का खुलासा

वाराणसी। पुलिस कमिश्नर कार्यालय में तैनात तत्कालीन पीआरओ दीपक कुमार रानावत पर एक महिला द्वारा ठगी का आरोप लगाए जाने के बाद मामले ने गंभीर मोड़ ले लिया। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाते हुए जांच की जिम्मेदारी डीसीपी क्राइम सरवणन टी को सौंपी थी।

जांच में सामने आया कि सोशल मीडिया पर वर्दी में फोटो और वीडियो पोस्ट करने वाले पुलिसकर्मी साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। डीसीपी सरवणन टी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि 27 मई को एक महिला ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसे नौकरी दिलाने के नाम पर 16 लाख रुपये की ठगी की गई है।

जांच के दौरान खुलासा हुआ कि आरोपितों ने पुलिसकर्मियों की फोटो और नाम का दुरुपयोग कर फर्जी आईडी बनाई और महिलाओं को निशाना बनाया। आरोपी ने सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार रानावत और गोरखपुर में तैनात सब इंस्पेक्टर अभिजीत कुमार के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर ठगी की।पिछले डेढ़ वर्ष में आरोपित अब तक 14 महिलाओं को ठगी का शिकार बना चुका है, जिनमें से अधिकांश मथुरा और आगरा की रहने वाली हैं।

इसके अलावा नई दिल्ली, पटना, बलिया, हरियाणा और मैनपुरी की महिलाएं भी शामिल हैं।वाराणसी की शिकायतकर्ता महिला से 16 लाख की ठगी की गई थी, जिसे दो किश्तों में वसूला गया और उस पैसे से आरोपी ने एक मकान बनवाया।

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इस संपत्ति को कानूनी प्रक्रिया के तहत जब्त किया जाएगा।थाना कोतवाली मथुरा में आरोपी के खिलाफ पहले से ही मुकदमा संख्या 370/25 दर्ज है, जिसमें 27 लाख की ठगी का मामला है।

जांच में दो फर्जी नियुक्ति पत्र (एक यूपीएससी और दूसरा रेलवे भर्ती बोर्ड का) और एक फर्जी पुलिस आईडी कार्ड बरामद हुआ है।आरोपी के दो मोबाइल और दो बैंक अकाउंट की जानकारी भी जुटाई जा रही है, जिन्हें जल्द सीज़ किया जाएगा। साथ ही पूरे प्रदेश में आरोपी के आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है।

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