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गोरखपुर

सुहागन के शव की अभागन सी विदाई, ससुराल वालों ने अंतिम संस्कार से किया इंकार

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गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को 30 वर्षीय अनीता देवी की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए परिवार का कोई सदस्य शुक्रवार दोपहर तक नहीं पहुंचा। चार साल का बच्चा अपनी मां के शव से लिपटा रहा। मातृ आंचल सेवा संस्थान ने आगे बढ़कर अनीता देवी का अंतिम संस्कार किया। पुलिस ने परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं आये। इस घटना ने समाज और व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

सिद्धार्थनगर की निवासी अनीता देवी का 20 दिन तक उपचार के बाद निधन हुआ। उनके पति गोलू मानसिक रूप से अस्थिर हैं और दिल्ली में मजदूरी करते हैं। पुलिस ने गांव से संपर्क किया, लेकिन ससुराल वालों ने साफ कह दिया कि वे न तो बच्चे की जिम्मेदारी उठाएंगे और न ही अंतिम संस्कार करेंगे। मासूम बच्चे को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द करने के बाद मायके पक्ष की तलाश की गई, लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो सका।

मातृ आंचल सेवा संस्थान ने अनीता देवी को वह सम्मान दिया जो उनके अपने देने से कतराते रहे। संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पलता सिंह ‘अम्मा’ ने स्वयं मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार कराया। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आर्थिक सहयोग देकर मानवता की मिसाल पेश की। संस्था ने कहा कि लावारिस समझे जाने वाले लोग भी हमारे अपने हैं और हर आत्मा सम्मानजनक विदाई की हकदार है।

अस्पताल में भर्ती से लेकर अंतिम संस्कार तक यह घटना व्यवस्था और समाज दोनों के संवेदनशील दायित्वों पर सवाल खड़े करती है। बच्चे की बेबसी और मां की लाचार विदाई ने हर देखने-सुनने वाले को विचलित किया।

सीओ गोरखनाथ रवि सिंह ने बताया कि मौत की सूचना मिलने के बाद परिवार को कई बार बुलाया गया, पर शुक्रवार दोपहर तक कोई नहीं आया। ऐसे में संस्था के आगे आने पर पुलिस की मौजूदगी में सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कराया गया।

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