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गाजीपुर

सुहवल का पशु अस्पताल बना खंडहर

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25 हजार की आबादी वाला गांव पशु चिकित्सा सुविधाओं से वंचित

गाजीपुर। जिले के जमानियां तहसील क्षेत्र के सुहवल गांव स्थित राजकीय पशुधन प्रसार केंद्र बदहाली की मार झेल रहा है। वर्ष 2015 से यहां कोई पशु चिकित्सक तैनात नहीं है, जिससे अस्पताल पर ताले लटक रहे हैं। विभागीय उपेक्षा और देखरेख के अभाव में भवन जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है।

स्थानीय पशुपालकों ने बताया कि उन्हें इलाज के लिए अपने मवेशियों को सात किलोमीटर दूर रेवतीपुर या निजी चिकित्सकों के पास ले जाना पड़ता है। इससे सरकार की पशु स्वास्थ्य सेवा योजनाएं धरातल पर विफल नजर आ रही हैं।

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करीब तीन दशक पूर्व लाखों रुपये की लागत से बने इस केंद्र पर कभी सभी सुविधाएं उपलब्ध थीं। लेकिन 2015 में तैनात चिकित्सक के स्थानांतरण के बाद से अब तक कोई नियुक्ति नहीं हो सकी है। यह केंद्र सुहवल समेत आसपास के एक दर्जन से अधिक गांवों की लगभग 50 हजार की आबादी के लिए एकमात्र विकल्प था।

स्थानीय निवासी महेंद्र, अनूप, शंभू, झिल्लू, अवधेश और रामभवन ने विभागीय उदासीनता पर नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द डॉक्टर की तैनाती और भवन की मरम्मत की मांग की है।

इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके शाही ने बताया कि विभाग में चिकित्सकों की भारी कमी है। जैसे ही नए चिकित्सक की तैनाती होगी, केंद्र को पुनः चालू कर दिया जाएगा और आवश्यक सुविधाएं बहाल की जाएंगी।

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