सियासत
सीएम योगी आज मंत्रियों संग करेंगे बैठक

सरकार के 16 मंत्रियों को दी गई जिम्मेदारी, उपचुनाव की तैयारी की होगी समीक्षा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में उन मंत्रियों को बुलाया गया है जिनकी ड्यूटी इन सीटों पर लगाई गई है। मुख्यमंत्री सभी मंत्रियों से चुनावी तैयारी की समीक्षा करेंगे।
10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मंत्रियों और संगठन के नेताओं की ड्यूटी –
बता दें कि, लोकसभा चुनाव में सांसद बने 9 विधायकों की सीटों के साथ ही सिसामऊ सीट पर भी उपचुनाव होना है। यह सीट सपा विधायक के अयोग्य घोषित होने के बाद खाली हुई थी। वहीं जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें मिल्कीपुर, कटेहरी, फूलपुर, मंझवा, गाजियाबाद सदर, मीरापुर, खैर और कुंदरकी शामिल है।

भाजपा के संगठन के द्वारा इन सभी सीटों पर चुनावी तैयारी के लिए प्रदेश सरकार के मंत्रियों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है।बता दें कि 10 सीटो पर होने वाले उपचुनाव के लिए संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही यूपी सरकार के 16 मंत्रियों की टीम का गठन कर सभी को अपनी-अपनी सीटों पर जीत दर्ज करने की जिम्मेदारी दी गई। मंत्रियों की टीम में भाजपा के अलावा सहयोगी दलों के मंत्रियों को भी शामिल किया गया है । कुछ सीटों पर दो तो कुछ एक मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ संगठन के भी पदाधिकारियों को लगाया जाएगा।
10 विधानसभा सीटों पर 16 मंत्रियों के नाम जिनको मिली है कमान……
•मिल्कीपुर- सूर्य प्रताप शाही और मयंकेश्वर शरण सिंह
•मीरापुर- अनिल कुमार व सोमेन्द्र तोमर
•करहल-जयवीर सिंह
•ग़ाज़ियाबाद सदर- सुनील शर्मा
•कटेहरी- स्वतंत्र देव सिंह व आशीष पटेल
•सीसामऊ- सुरेश खन्ना व संजय निषाद
•फूलपुर- दयाशंकर सिंह व राकेश सचान
•मझवां-अनिल राजभर
•खैर- लक्ष्मी नारायण चौधरी
•कुंदरकी- धर्मपाल सिंह व जेपीएस राठौर
दरअसल, उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल करना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल होने के साथ ही लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए मरहम का भी काम करेगा। इसलिए मंत्रियों को हर हाल में जीत दर्ज करने के अभी से क्षेत्रों में डटे रहने को कहा गया है।
वहीं, उप चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द होने की संभावना को देखते हुए भाजपा में टिकट के लिए भी भागदौड़ शुरू हो गई है। विधायक से सांसद बनने वाले नेता जहां अपने परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिलाने में जुटे हैं। वहीं कई पूर्व सांसद और विधायक भी टिकट के दौड़ में शामिल हैं।