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पूर्वांचल

सिविल डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने बांधी काली पट्टी

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रिपोर्ट -‌ अब्दुल वाहिद

भदोही। प्रांतीय आहवान पर सिविल डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश ने लंबित मांगों को पूरा कराने के उददेश्य से बांह पर काली पटटी बांध कर विरोधात्मक रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जिला ईकाई के पदाधिकारियों ने दूसरे दिन मंगलवार को नहर विभाग में काली पटटी बांधकर समर्थन भी जुटाया। अध्यक्ष पुष्पराज ने हुंकार भरा कि जूनियर इंजीनियर तकनीकी विभागों में कार्यरत होकर शासन-प्रशासन की मंशाओं को लक्ष्य देने में कमी नहीं छोड़ते। बावजूद इसके जिम्मेदार मांगों को लंबित रखकर हक-अधिकार से वंचित रखने, आर्थिक, सामाजिक और मानसिक उत्पीड़न को प्राथमिकता गिना रहे हैं जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हक-अधिकार लेकर विरोधात्मक निर्णय को वापस लिया जा सकेगा।      

शासनादेश है कि जूनियर इंजीनियर्स का 02 वर्ष की सेवा पर स्थाईकरण का प्राविधान है  2016 से कार्यरत लगभ 150 इंजीनियर्स 06 वर्ष तो विभाग के लगभग 1500 इंजीनियर्स 03 वर्ष से पात्र होते हुए भी स्थाईकरण का लाभ नहीं पा रहे हैं। इनको सहायक अभियंता पद से पदोन्नति मिले, वरिष्ठता क्रम का लाभ मिले, रिक्त पदों को अविलंब भरा जाए, राजपत्रित प्रतिष्ठा प्रदान की जाए, सेवाओं को जोड़कर वेतन विसंगति दूर की जाए, 40 फीसद की दिव्यांगता होने का लाभ दिया जाए, अपूर्ण चरित्र पंजीकाओं को पूर्ण कराया जाए, उत्पीड़न पर रोक लगे, समय-समय पर सेवा संघों के साथ वार्ता की जाए, पारदर्शी स्थानांतरण अपनाई जाए, मृतक आश्रितों का देयक मिले, गोमती रिवर फ्रंट आदि मामलों का निस्तारण हो, नहरों की देखभाल को मेट, बेलदार को नियुक्त किया जाए, खंडवार निष्प्रोज्य तकनीकी उपकरणों का निस्तारण हो, भंडार व संयंत्र सामग्रियों का भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया होती रहे, आपातकाल में वित्तीय बोझ न डाला जाए, बिना स्वीकृत कार्य कराने की प्रथा समाप्त हो आदि मांगे शामिल रहीं।      

मांगे पूरी न होने की स्थिति में 30 जुलाई को धरना देकर डीएम को पत्रक देने, 07 अगस्त को मंडल स्तर पर ज्ञापन सौंपने, 22 अगस्त से प्रमुख अभियंता कार्यालय लखनउ पर अनिश्चित कालीन धरना की रणनीति बनेगी। इस मौके पर सचिव रविकुमार, संतोष कुमार, मुक्तार अली, विवेक यादव आदि रहे।

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