वाराणसी
सरकारी अस्पताल में एमआर की एंट्री पर हंगामा, कार्रवाई के आदेश

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बाहर से दवा लिखने पर सख्त मनाही है और समय-समय पर इस पर कार्रवाई भी की जाती है लेकिन अब सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) दिखाई दे रहे हैं जो अपनी दवाओं को डॉक्टरों के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।
वाराणसी के कबीरचौरा अस्पताल में यह मामला सामने आया। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अस्पताल की नई बिल्डिंग में नाक, कान और गला रोग विभाग के एक डॉक्टर के पास दो मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव पहुंचे।
उन्होंने अपनी प्राइवेट दवाओं के बारे में डॉक्टर को जानकारी दी। डॉक्टर ने भी उनकी बात सुनी और उन्हें सुझाव दिए। यह सब उस समय हुआ जब मरीज अपनी बारी के इंतजार में बाहर खड़े थे।
इस विषय पर अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का डॉक्टर से ओपीडी के समय मिलना गलत है। अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने स्पष्ट किया कि सरकारी अस्पतालों में एमआर का आना पूरी तरह से प्रतिबंधित है क्योंकि अस्पताल प्राइवेट कंपनियों की दवाएं नहीं खरीदता। इस मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।