वाराणसी
श्री हनुमान ध्वजा यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब

वाराणसी। श्री हनुमत सेवा समिति, नेवादा द्वारा आयोजित श्री हनुमान ध्वजा यात्रा का 22वां संस्करण शनिवार को पूरे भक्ति भाव और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। ऐतिहासिक ध्वजा यात्रा की शुरुआत प्रातः भिखारीपुर तिराहे से हुई, जो संकट मोचन दरबार तक भव्यता के साथ निकाली गई। इस विशाल धार्मिक आयोजन में 20,000 से अधिक श्रद्धालुओं की सहभागिता रही, जिससे संपूर्ण क्षेत्र भक्तिमय वातावरण से सराबोर हो उठा।
यात्रा में श्रद्धालु “जय श्री राम” और “पवनसुत हनुमान की जय” के जयकारों के साथ हाथों में भगवा ध्वज लेकर आगे बढ़ रहे थे। कई भक्तों ने हाथों में पारंपरिक गदा और शिव का विशाल त्रिशूल धारण किया हुआ था, जो विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहा। यात्रा के दौरान चारों ओर भक्ति गीतों की गूंज, ढोल-नगाड़ों की थाप और शंखध्वनि वातावरण को और भी पावन बना रही थी।
सेवा भाव की मिसाल बने 250 से अधिक स्टॉल
श्रद्धालुओं की सेवा के लिए मार्ग में जगह-जगह 250 से अधिक सेवा स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें फल, मिठाई, लस्सी, जूस, छाछ और ड्राईफ्रूट जैसी वस्तुओं की नि:शुल्क व्यवस्था की गई थी। ये स्टॉल न केवल श्रद्धालुओं को ऊर्जा प्रदान कर रहे थे, बल्कि सेवा भावना और आपसी सहयोग की एक अद्भुत मिसाल भी प्रस्तुत कर रहे थे।
देशभर से श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
इस यात्रा में केवल काशीवासी ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आए श्रद्धालुओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। महिलाओं, युवाओं और बच्चों की भारी भागीदारी ने यात्रा को और भी प्रभावशाली और जीवंत बना दिया।
धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
श्री हनुमान ध्वजा यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक एकता, संस्कृति और परंपरा का भी जीवंत उदाहरण है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यात्रा ने यह संदेश दिया कि जब आस्था, सेवा और समर्पण एक साथ आते हैं, तो वह समाज को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करते हैं।
श्री हनुमत सेवा समिति के पदाधिकारियों ने यात्रा की सफलता के लिए सभी श्रद्धालुओं, स्वयंसेवकों और स्थानीय प्रशासन का आभार व्यक्त किया। यात्रा के शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित संचालन के लिए पुलिस बल भी मुस्तैदी से तैनात रहा।