गाजीपुर
“शिव ही सत्य हैं और वही सत्यता का बोध कराते हैं” : संत ज्ञानानंद

कुंडेसर (गाजीपुर)। शेरपुर पंचायत में आयोजित श्री रुद्र महायज्ञ के दौरान श्री शिव शक्ति सनातन धर्म ट्रस्ट, केदारनाथ हिमालय से पधारे परम तपस्वी बाल ब्रह्मचारी संत ज्ञानानंद जी महाराज ने सत्संग को शिव-जीव संबंध की गहराई से जोड़ते हुए कहा कि शिव और जीव में कोई भेद नहीं है, दोनों एक ही सत्ता के रूप हैं। उन्होंने कहा कि शिव ही इस सृष्टि का मूल हैं और सत्संग के माध्यम से उन्हें जानने और अनुभव करने से जीव को अपनी वास्तविक पहचान का बोध होता है।
संत ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि “शिव ही सत्य हैं और वही सत्यता का बोध कराते हैं। शिव को समझने के लिए सबसे पहले स्वयं को समझना आवश्यक है। जब हम स्वयं को जान लेते हैं, तभी हमें परमपिता परमेश्वर का साक्षात्कार करने का अवसर प्राप्त होता है।”
कथा के दौरान उन्होंने शिव महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि देवाधिदेव महादेव का चरित्र सफलता और समर्पण का अद्भुत उदाहरण है। वे ऐसे देवता हैं जिनकी उपासना देव, दानव, नर, गंधर्व सभी करते हैं। बाबा भोलेनाथ अपने भक्तों की पुकार को सुनते हैं और उनकी श्रद्धा के अनुसार शीघ्र फल भी प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु सत्संग और कथा श्रवण हेतु उपस्थित रहे। वातावरण शिव भक्ति में सराबोर रहा और श्रद्धालुओं ने गहरी आस्था के साथ कार्यक्रम में भाग लिया।