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शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार को नम आंखों से दी गयी अंतिम विदाई

“पापा, आज तो बोल दो” – शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए फफक पड़ा बेटा मंजीत
मेरठ। शामली में हुए एनकाउंटर में शहीद हुए एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए मेरठ पुलिस लाइन में भावुक माहौल देखने को मिला। इंस्पेक्टर का पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे गुरुग्राम से मेरठ पुलिस लाइन लाया गया, जहां एडीजी, डीआईजी, एसएसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीद इंस्पेक्टर के बेटे मंजीत ने अपने पिता के शव से लिपटकर भावुक शब्दों में कहा, “पापा, आज तो बोल दो… प्लीज, एक बार बोल दो।” यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया।

इंस्पेक्टर सुनील कुमार सोमवार रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे। उन्हें गंभीर हालत में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां 36 घंटे तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका 2030 में रिटायरमेंट होना था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, और एक सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखने की घोषणा की है। पुलिस विभाग और एसटीएफ टीम ने बड़ी संख्या में मौजूद रहकर अपने साथी को श्रद्धांजलि दी।
आईएसआई एजेंट कलीम को गिरफ्तार कराने में निभाई थी अहम भूमिका :
सुनील ने शामली में आईएसआई एजेंट कलीम को गिरफ्तार कराने में अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 2023 में अनिल दुजाना को मार गिराया था। 30 मई 2024 को लोनी बॉर्डर पर पचास हजार के इनामी लोनी के राहुल को गिरफ्तार किया था। 8 अक्तूबर 2021 को रंगदारी, अपहरण, हत्या को अंजाम देने वाले पचास हजार के इनामी गोहाना के नवीन को गौतमबुद्धनगर से गिरफ्तार किया था। इनके अलावा भी कई इनामियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। एसटीएफ के एसपी के अनुसार सुनील साहसी थे और घटनाओं का चंद दिनों में ही खुलासा करने में भी अहम भूमिका निभाते थे।