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वाराणसी

नगर निगम ने भेजा अन्नपूर्णा मठ मंदिर को खाली करने का नोटिस !

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वाराणसी। नगर निगम ने जर्जर भवनों को नोटिस जारी करने के क्रम में शुक्रवार को विश्वनाथ मंदिर से सटे अन्नपूर्णा मठ मंदिर पर भी नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस के अनुसार मंदिर और अन्नक्षेत्र को 24 घंटे के अंदर खाली करने का निर्देश था। नोटिस चस्पा होने के बाद विवाद शुरू हो गया। फिर नगर निगम ने छह घंटे में ही नोटिस हटवाते हुए कहा कि गलती हो गई। दशाश्वमेध जोन के अवर अभियंता दिनेश प्रसाद ने बताया कि, नोटिस भेजा गया था लेकिन बाद में भवन की स्थिति बेहतर होने के कारण नोटिस को हटवा दिया गया है।

इस मामले में, अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी का कहना था कि बिना किसी सर्वे के नोटिस जारी कर दिया गया था। नोटिस चस्पा होने की खबर जैसे ही फैली तो विवाद हो गया। नोटिस को निगम के कर्मचारियों ने अन्नपूर्णा मंदिर के प्रवेश द्वार पर चिपकाया।

तो वहीं उप नगर आयुक्त और जोनल अधिकारी की ओर से जारी नोटिस में पूर्व महंत स्व. रामेश्वर पुरी व वर्तमान महंत शंकर पुरी को संबोधित करते हुए कहा गया था कि आपका भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है और कभी भी गिर सकता है। इससे जान-माल की क्षति हो सकती है। इस संबंध में पूर्व में भी इस कार्यालय की ओर से 14 जून 2021 को नोटिस दिया जा चुका है। नोटिस मिलने के 24 घंटे के अंदर उक्त जर्जर भवन को खाली कर दें। यदि भवन खाली नहीं करते हैं और भवन गिरने से जान-माल की क्षति होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मकान मालिक की होगी।

मंदिर के महंत ने बताया कि अन्नक्षेत्र का निर्माण 1998 में कराया गया था। बीम और पिलर पर पूरा भवन निर्मित है। वहीं, अन्नपूर्णा मंदिर तो प्राचीन है लेकिन 1990 में उसकी मरम्मत कराई गई थी। मठ, मंदिर और अन्नक्षेत्र की किसी भी दीवार में एक दरार तक नहीं है। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि बिना किसी जांच और सर्वे के नगर निगम ने किस आधार पर नोटिस जारी कर दिया है। इस मामले में उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी।

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