धर्म-कर्म
विनायकी चतुर्थी के साथ आज से मलमास शुरू: धनु संक्रांति पर गणेश जी के साथ ही सूर्य और शनि की पूजा का शुभ योग, पितरों के लिए करें धूप-ध्यान

वाराणसी: आज नौ ग्रहों के राजा सूर्य वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं। सूर्य के इस राशि परिवर्तन को धनु संक्रांति कहा जाता है। धनु गुरु ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है। गुरु ग्रह का एक नाम बृहस्पति है। ये देवताओं के गुरु हैं। सूर्य के धनु राशि में रहने के संबंध में माना जाता है कि सूर्य गुरु बृहस्पति के सेवा में रहेंगे। सूर्य करीब एक महीना धनु राशि में रहेंगे, इस समय को खरमास कहते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, खरमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। पुरानी मान्यता के अनुसार खरमास में नई दुकान, नए व्यापार की शुरुआत नहीं की जाती है। विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ काम भी नहीं होते हैं। इसे मलमास भी कहते हैं। सूर्य 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेगा, इसे मकर संक्रांति कहते हैं, इस दिन के बाद शुभ कार्यों की शुरुआत फिर से हो जाएगी। आज तीन बड़े व्रत-पर्व एक साथ आज (शनिवार, 16 दिसंबर) तीन बड़े व्रत-पर्व रहेंगे। पहला, धनु संक्रांति, दूसरा खरमास की शुरुआत, तीसरा विनायकी चतुर्थी। इस दिन शनिवार होने से इन पर्वों का महत्व और अधिक बढ़ गया है।