वाराणसी
विद्यापरिषद की बैठक: आधुनिक विषय के भी विद्यार्थी शास्त्री में ले सकेंगे प्रवेश
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
ऑनलाइन संबद्धता पोर्टल के माध्यम से कहीं से भी मान्यता प्राप्त किया सकेगा–
वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के योगसाधना केंद्र में आज अपरान्ह 3:30 बजे कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा के अध्यक्षता में विद्यापरिषद की बैठक की गयी|
जिसमें भारतीय ज्ञान परंपरा का अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले, संस्कृत का ज्ञान हो तथा संस्कृत का व्यापक स्तर पर प्रसार हो को दृष्टिगत रखते हुए तथा अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ने की दृष्टि में शास्त्री कक्षा में प्रवेश के लिए आधुनिक विषय से (बिना संस्कृत)अध्ययन किए हुए विद्यार्थियों को भी प्रवेश लेने के लिए इसे शिथिल बनाने पर सर्वसम्मति से विचार कर स्वीकार किया गया. जिसके लिए उन्हें शास्त्री प्रथम सेमेस्टर में एक अतिरिक्त संस्कृत पेपर अध्ययन करना अनिवार्य होगा. नियम इसके निर्धारण के लिए विद्या परिषद ने एक समिति का गठन कर प्रवेश संबंधित प्रक्रिया को अगले सत्र से चलाने तथा एक नियम तैयार करने का निर्णय लिया है।
विद्या परिषद ने शास्त्री परीक्षा में सेमेस्टर पाठ्यक्रम के लिए तैयार पाठ्यक्रमों की संस्तुति की गयी।
विभिन्न तरह के अवकाश लेखा प्रपत्र पर देय होगा–
विद्या परिषद ने विश्वविद्यालय में कार्मिकों को विभिन्न तरह के अवकाश लेने के लिए एक अवकाश लेखा प्रपत्र तैयार किया गया है जिसपर आवेदन करने पर ही इसके माध्यम से अवकाश दिया जाएगा।
ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के पाठ्यक्रम की अनुशंसा–
विद्या परिषद ने ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के द्वारा संचालित 10 पाठ्यक्रमों की अनुशंसा प्रदान किया।
ऑनलाइन माध्यम से संबद्धता, अंकपत्र, प्रमाणपत्र, चरित्र प्रमाणपत्र एवं माइग्रेशन प्राप्त होंगे–
ऑनलाइन
विद्यापरिषद ने सभी जनों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए देश- विदेश में कहीं से भी ऑनलाइन माध्यमों से संबद्धता का आवेदन कर सकते हैं इसके लिए संबद्धता ऑनलाइन पोर्टल का विकास किया जा रहा है पोर्टल पर संबद्धता से संबंधित सभी नियम आदि प्राप्त होंगे तथा समय पर उनके आवेदनों पर विचार कर संबद्धता प्रदान की जाएगी।इसके साथ ही विद्यार्थियों के सुविधा के दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा परिणाम, प्रमाणपत्र, चरित्र प्रमाणपत्र एवं माइग्रेशन आदि प्राप्त होंगे।इससे बहुत सारे श्रम की बचत होगी
संचालन–
उक्त विद्यापरिषद का संचालन कुलसचिव श्री राकेश कुमार ने किया।
मंगलाचरण-
विद्यापरिषद के प्रारम्भ में वेद विभाग के आचार्य प्रो महेंद्र पाण्डेय के द्वारा मंगलाचरण किया गया.
उपस्थित ज़न–
प्रो रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो रामपूजन पाण्डेय,प्रो रजनीश कुमार शुक्ल, प्रो सुधाकर मिश्र, प्रो हरिशंकर पाण्डेय, प्रो हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो जितेन्द्र कुमार,हीरक कांत चक्रवर्ती, प्रो विधु द्विवेदी, प्रो शैलेश कुमार, प्रो अमित कुमार शुक्ल,प्रो विजय कुमार पाण्डेय, प्रो दिनेश कुमार गर्ग,डॉ विशाखा शुक्ला आदि उपस्थित रहे।