वाराणसी
विदेशियों से करोड़ों की ठगी करने वाले 29 ठगों को मिली जमानत

वाराणसी। विदेशियों को निशाना बनाकर करोड़ों की साइबर ठगी करने वाले 29 अंतरराज्यीय आरोपितों को वाराणसी की अदालत से जमानत मिल गई है। अपर जिला जज (त्रयोदश) सुशील कुमार खरवार की कोर्ट ने प्रत्येक आरोपित को 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र जमा करने पर रिहा करने का आदेश दिया। अभियुक्तों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और रोहित यादव ने पैरवी की।
ऐसे हुआ था फर्जीवाड़ा का खुलासा
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 4 सितंबर 2025 को एडीसीपी नीतू कादयान और रोहनिया थानाध्यक्ष राजू सिंह को सूचना मिली कि क्षेत्र में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर विदेशी नागरिकों से ठगी की जा रही है। पुलिस ने छापेमारी कर कॉल सेंटर संचालक कौशलेंद्र तिवारी समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया। मौके से बड़ी संख्या में लैपटॉप, डेस्कटॉप और 24 मोबाइल फोन बरामद हुए।
आईवीआर कॉल से झांसा
पूछताछ में आरोपितों ने खुलासा किया कि एक बाहरी कंपनी से कॉलिंग पोर्टल खरीदा जाता था। इसके जरिए विदेशी नागरिकों के मोबाइल नंबर मिलते थे। फिर अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों की डिलीवरी कन्फर्मेशन से जुड़ी फर्जी आईवीआर कॉल जनरेट की जाती थी।
इसके बाद डायलर पीड़ितों को फोन कर झांसा देते कि पार्सल में ड्रग्स या आपत्तिजनक कंटेंट मिला है। फिर कॉल क्रमशः दूसरे साथियों और तथाकथित ‘लीगल अथॉरिटी’ को ट्रांसफर कर दी जाती थी। ये लोग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर विदेशी नागरिकों से बिटकॉइन और गिफ्ट कार्ड के जरिए पैसे ऐंठ लेते थे।
जांच में यह भी सामने आया कि ठगों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी और कूटरचित आधार कार्ड बनवा रखे थे। इसी के आधार पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था।