वाराणसी
वाराणसी: वकीलों ने गाजियाबाद कोर्ट में लाठीचार्ज के खिलाफ किया प्रदर्शन

न्यायाधीश की बर्खास्तगी की मांग
वाराणसी। गाजियाबाद कोर्ट में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज का विरोध अब वाराणसी में भी देखने को मिल रहा है। सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायालय के बाहर वकीलों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और एक विशाल जुलूस निकाला। वकीलों का प्रदर्शन करीब चार घंटे तक जारी रहा, जिसके बाद शाम को डीएम को ज्ञापन सौंपा गया।
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सेंट्रल बार के अध्यक्ष मुरलीधर सिंह, महामंत्री सुरेंद्रनाथ पांडेय, बनारस बार के अध्यक्ष अवधेश सिंह और महामंत्री कमलेश यादव ने किया। वकीलों ने डीएम पोर्टिको पर इकट्ठा होकर बैनर और तख्तियों के साथ नारेबाजी की, जिसमें गाजियाबाद में हुए लाठीचार्ज की निंदा की गई और जिला जज व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
वकीलों की मांगें:
- तत्काल बर्खास्तगी: गाजियाबाद के जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार और लाठीचार्ज का आदेश देने वाले पुलिस अधिकारियों की सेवा से तत्काल बर्खास्तगी।
- एसआईटी जांच: इस लाठीचार्ज की उच्च स्तरीय जांच के लिए एसआईटी का गठन हो।
- अवमानना की कार्रवाई: जिला जज के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की जाए। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इस हड़ताल को अपना समर्थन दिया है।
- आर्थिक मुआवजा: लाठीचार्ज में घायल अधिवक्ताओं को उचित क्षतिपूर्ति प्रदान की जाए।
- भविष्य में सुरक्षा के लिए ठोस कदम: उच्च न्यायालय को ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। किसी भी जांच समिति में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा नामित प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
क्या है मामला ?
29 अक्टूबर को गाजियाबाद कोर्ट में धोखाधड़ी के एक मामले की सुनवाई दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग पर वकीलों और जिला जज के बीच बहस हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस का कहना है कि वकीलों ने जिला जज से बदसलूकी की थी। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में अधिवक्ता समाज में आक्रोश व्याप्त है और विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
सेंट्रल बार के महामंत्री सुरेंद्रनाथ पांडेय ने कहा, “अधिवक्ताओं पर लगातार हो रहे हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। यदि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होती है, तो अधिवक्ता समाज अपने स्तर से संघर्ष करने के लिए बाध्य होगा।”