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वाराणसी

वाराणसी में फैल रही सांस की बीमारी

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बीएचयू पहुंचे 100 मरीज

वाराणसी। सांस फूलने, सूखी खांसी और बलगम की समस्या के साथ तेजी से वजन घटने जैसे लक्षण क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के हो सकते हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों और बीएचयू में रोजाना ऐसे करीब 100 मरीज पहुंच रहे हैं।

यह बीमारी वाहनों के धुएं, धूल, धूम्रपान और औद्योगिक क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में अधिक देखी जा रही है।सीओपीडी से प्रभावित लोगों के फेफड़े कमजोर हो जाते हैं जिससे ऑक्सीजन बनाने की क्षमता घट जाती है। हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को विश्व सीओपीडी दिवस मनाया जाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण और धूम्रपान इसकी बड़ी वजह हैं। यह समस्या 45 साल से अधिक उम्र के लोगों और ग्रामीण इलाकों में चूल्हे पर खाना पकाने वाली महिलाओं में अधिक पाई जाती है। मंगलवार को शहर में प्रदूषण का स्तर येलो जोन में था।

अर्दली बाजार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 131 भेलूपुर में 120, मलदहिया में 138 और बीएचयू में 64 रिकॉर्ड किया गया। दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के डॉ. पीके सिंह ने बताया कि अक्टूबर से जनवरी के बीच इस बीमारी के 20-30 मरीज रोजाना सामने आते हैं जिनमें अधिकतर औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े होते हैं। लोगों से मास्क पहनने की अपील की गई है।

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